New Delhi, 7 अगस्त . Lok Sabha में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने Thursday को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग पर निशाना साधा. उन्होंने Maharashtra के चुनाव का डेटा दिखाकर आरोप लगाया कि राज्य विधानसभा चुनाव में धांधली हुई है और 40 लाख वोट रहस्यमयी तरीके से जोड़े गए.
Lok Sabha में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने Maharashtra विधानसभा चुनाव में अनियमितताओं का गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “Maharashtra में 5 महीनों में लाखों मतदाताओं के नाम सूची में जोड़े गए, जो काफी चिंताजनक है. नए मतदाताओं के जुड़ने से हमारा संदेह बढ़ा और फिर शाम 5 बजे के बाद मतदान में भारी बढ़ोतरी देखी गई. Lok Sabha चुनाव में हमारे गठबंधन की शानदार जीत हुई, लेकिन विधानसभा चुनाव में हमारे गठबंधन को पूरी तरह हार का सामना करना पड़ा, जो बहुत संदिग्ध है.”
उन्होंने कहा, “हमारे विश्लेषण में पता चला कि Lok Sabha और विधानसभा चुनाव के बीच एक करोड़ नए मतदाता जुड़ गए. हमने इस मुद्दे को चुनाव आयोग के सामने उठाया और एक लेख लिखा, जिसमें हमारा मुख्य तर्क था कि Maharashtra का चुनाव चोरी किया गया.”
राहुल ने आरोप लगाया कि मतदाता सूची इस देश की संपत्ति है, लेकिन चुनाव आयोग ने इसे देने से इनकार कर दिया. इसके साथ ही, आयोग ने cctv फुटेज नष्ट करने की बात कही, जो चौंकाने वाला था. Maharashtra में शाम 5:30 बजे के बाद भारी मतदान की बात सामने आई, लेकिन हमारे लोगों ने बताया कि मतदान केंद्रों पर ऐसा कोई भारी मतदान नहीं हुआ. इन दो बातों से हमें पक्का यकीन है कि चुनाव आयोग भाजपा के साथ मिलकर चुनाव चोरी कर रहा है.
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा, “हर लोकतंत्र में सत्तारूढ़ पार्टी को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ता है, लेकिन भाजपा एकमात्र ऐसी पार्टी है, जो इस लहर से प्रभावित नहीं होती.”
उन्होंने Haryana और Madhya Pradesh विधानसभा चुनावों का जिक्र करते हुए कहा, “एग्जिट पोल, ओपिनियन पोल और कांग्रेस का आंतरिक सर्वेक्षण, जो काफी सटीक है, कुछ और संकेत दे रहे थे, लेकिन नतीजे पूरी तरह उलट आए. पोल कुछ और दिखा रहे थे, लेकिन नतीजे बिल्कुल विपरीत दिशा में आए, जिसमें बहुत बड़ा अंतर था.”
राहुल गांधी ने हाल के विधानसभा चुनावों के परिणामों पर सवाल उठाते हुए कहा, “देश के संविधान की नींव ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ के सिद्धांत पर टिकी है, लेकिन हाल के चुनाव परिणाम इस सिद्धांत को चुनौती देते नजर आ रहे हैं.”
राहुल ने कहा, “हमारे आंतरिक सर्वेक्षण और नियमित ओपिनियन पोल एक खास रुझान दिखा रहे थे, लेकिन परिणामों में भारी बदलाव देखने को मिला. यह न केवल आश्चर्यजनक है, बल्कि संविधान के मूल सिद्धांतों पर भी सवाल उठाता है.”
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