राहुल गांधी सिर्फ मुसलमानों के नहीं, पूरे देश के हितैषी : अली अनवर (आईएएनएस एक्सक्लूसिव) 

पटना, 9 मार्च . कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं पूर्व सांसद अली अनवर ने शनिवार को न्यूज एजेंसी से खास बात की. इस दौरान उन्होंने देश के हालिया घटनाक्रम पर पूछे गए कई सवालों का बेबाकी से जवाब दिया.

सवाल : कांग्रेस नेता शमा मोहम्मद ने एक बार फिर ऐसा कमेंट किया है, जिस पर सियासी बवाल खड़ा हो गया है. उन्होंने दावा किया कि गणित इस्लाम के जरिए दुनिया में आया. इस पर आप क्या कहेंगे?

जवाब : सही मुद्दों से भटकाने के लिए ऐसी बातों को तूल दिया जा रहा है. देश के सामने बेरोजगारी और महंगाई का मुद्दा है. विदेशी मामलों को ही देख लीजिए, भारतीयों को बेड़ियों से बांध कर लाया जा रहा है. देश में असली मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए. हमें नहीं पता कि शमा मोहम्मद ने क्या बोला है, हम कोई गणितज्ञ नहीं हैं. हमें इतना ही पता है कि शून्य का आविष्कार आर्यभट्ट ने किया है.

सवाल : क्या इस्लाम दुनिया का सबसे प्रोग्रेसिव मजहब है?

जवाब : कई मामलों में प्रोग्रेसिव है. जैसे माता-पिता की संपत्ति में बेटियों का हिस्सा तय है. लेकिन अब इन सभी बातों का कोई प्रासंगिकता नहीं है कि कौन सा मजहब क्या है. सरकार ऐसा कानून लेकर आ रही है कि इनकम टैक्स का ऑफिसर बिना वारंट किसी के घर में जाकर तलाशी लेगा. उन्होंने आगे कहा, सुप्रीम कोर्ट के कहने के बावजूद बुलडोजर चल रहा है. कानून का राज देखने को नहीं मिल रहा है. भारत प्रजातांत्रिक देश है, लोगों को फालतू बातों पर उलझाए रखना गलत है.

सवाल : क्या राहुल गांधी मुसलमानों के सच्चे हितैषी हैं?

जवाब : राहुल गांधी सिर्फ मुसलमानों के ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लोगों के हितैषी हैं. नेपाल जैसे छोटे देश के लोगों को हथकड़ियों में भेजने का ट्रंप को हिम्मत नहीं हुआ. वहां के लोग यात्री विमान ले जाए जा रहे हैं, लेकिन भारत के लोग हथकड़ियों में आ रहे हैं. ये तब हो रहा, जब पीएम मोदी ट्रंप को अपना म‍ित्र बताते हैं. इन सभी चीजों से राहुल गांधी लड़ रहे हैं. वो अपनी पार्टियों की कमजोरियों को उजागर कर रहे हैं. महात्मा गांधी की भी यही बड़प्पन थी कि वो अपनी कमजोरियों से ऊपर उठे.

सवाल : राहुल गांधी का महाकुंभ ना जाना सही फ़ैसला था?

जवाब : महाकुंभ में जाना, नहीं जाना व्यक्तिगत मामला है. कोई हज करने जाए या ना जाए, या फिर कोई त्यौहार मनाए या नहीं मनाए, ये व्यक्तिगत मामले हैं. लेकिन आज की सरकार ऐसी है, जो लोगों को कपड़े से पहचानना, क्या खाएं, क्या नहीं खाएं, इस पर बात करती है. इस देश में मुसलमानों के खिलाफ नफरत का वातावरण फैलाया जा रहा है. हजारों सालों से ये देश है और सभी एक-दूसरे के साथ मिलजुल कर रहते हैं.

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