मैदान में मार खाने के बाद, बोली में तीस मार खान बन रहे राहुल गांधी: मुख्तार अब्बास नकवी 

New Delhi, 19 अगस्त . बिहार की मतदाता सूची में एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) का मामला गरमाया हुआ है. Lok Sabha के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी चुनाव आयोग पर कथित तौर पर वोट चोरी का आरोप लगा रहे हैं और बिहार में ‘मतदाता अधिकार यात्रा’ निकाल रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने Tuesday को कांग्रेस पर निशाना साधा.

भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने से कहा, “राहुल गांधी को यह बात समझ में नहीं आ रही कि वे खेल के मैदान में कितनी बार हिट विकेट हुए हैं और कितनी बार रन आउट हुए हैं? लेकिन, वे अभी भी मैदान में गच्चा खाएंगे और चुनाव आयोग पर आरोप लगाकर मोहल्ले में शोर मचाएंगे. मैदान में मार खाने के बाद भी वे बोली में तीस मार खान बन रहे हैं.”

उन्होंने कहा, “राहुल गांधी अपनी हार का जिम्मेदार खुद को नहीं मान रहे, बल्कि अंपायर को ही दोषी बनाने में लग गए हैं. वो चुनाव हारने का इतिहास बना रहे हैं. आज की तारीख में जिन मुद्दों को लेकर आप लोगों के बीच जाने की कोशिश करें, वह क्या है? वह चाहते हैं कि उनका परिवार सरकार के फ्रेम में आए, नहीं तो चुनाव हारने पर शोर मचाएंगे. वो बच्चों की तरह कर रहे हैं कि ‘हमें खेलने दो, नहीं तो पूरा खेल बिगाड़ेंगे.’ “

नकवी ने कहा, “2014 के बाद से वो शांति से नहीं बैठ पाए हैं. ऐसा लग रहा है जैसे वो जल बिन मछली की तरह हो गए हैं कि सत्ता के बिना रह ही नहीं सकते. वो झूठ और भ्रम फैलाकर पूरे सिस्टम के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उसमें वो नाकाम नहीं होंगे.”

उन्होंने कहा, “चुनाव प्रक्रिया में समय-समय पर जरूरतों के हिसाब से सुधार किया जाता है. पहले वोट देने का अधिकार 21 साल की उम्र में मिलता था, बाद में इसे घटाकर 18 साल कर दिया गया. बाद में ईवीएम भी बीच में आया. खुले लोकतंत्र में सुधार की हमेशा गुंजाइश रहती है. अगर वैध मतदाता की सुरक्षा हो रही है और अवैध मतदाताओं को निकाला जा रहा है, तो इसमें किसी को क्या आपत्ति होनी चाहिए?”

राष्ट्रीय जनतांत्रिक दल (एनडीए) की तरफ से सी.पी. राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने पर उन्होंने तारीफ की और कहा, “सी.पी. राधाकृष्णन बहुत अच्छे उम्मीदवार हैं; विपक्ष को भी उनका समर्थन करना चाहिए. उनका किसी भी तरह का विवादित कार्यकाल नहीं रहा है. वे कई राज्यों के राज्यपाल भी रहे हैं.”

एससीएच/केआर