New Delhi, 1 अगस्त . कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि India की अर्थव्यवस्था अब मृत हो चुकी है. राहुल गांधी के बयान का भाजपा नेता और पूर्व Union Minister मुख्तार अब्बास नकवी ने जमकर विरोध किया है.
समाचार एजेंसी से बातचीत में मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि राहुल गांधी हमेशा से ही ‘India विरोधी मोगैंबो’ को खुश करने की कोशिश करते हैं, इसलिए वो इस तरह के बयान देते रहते हैं. यह उसी का परिणाम है कि आज की तारीख में कोई उन्हें गंभीरता से नहीं ले रहा है. आज उनकी बातों की कोई प्रासंगिकता नहीं रह गई है.
उन्होंने कहा कि मैं पिछले दो दशकों से Prime Minister Narendra Modi के साथ काम कर रहा हूं. मैंने उन्हें व्यक्तिगत तौर पर देखा है कि जब कभी-भी देश में किसी भी प्रकार की चुनौती आती है, तो वो पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ काम करते हैं. वो दिन रात हमेशा देश की तरक्की के बारे में ही सोचते हैं. आज उनके नेतृत्व में India की एक अलग पहचान है.
पूर्व Union Minister ने कहा कि ‘वही हकदार हैं किनारों के, जो बदल दे भाव धारों के’. उन्होंने यह बात Prime Minister Narendra Modi के अथक परिश्रम को रेखांकित करने के मकसद से कहा. उन्होंने कहा कि आज की तारीख में India हर दिन कई नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है और यह सब कुछ Prime Minister मोदी के अथक परिश्रम के परिणामों की वजह से ही हो पा रहा है.
उन्होंने कहा कि पिछले 11 सालों से हमारी Government है और इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि इन सालों में दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में कई तरह की चुनौतियों का सामना हमें करना पड़ा है. कहीं युद्ध हुए, तो कई खाद्य संकट पैदा हुआ, तो कहीं माहामारी जैसी स्थिति पैदा हुई, तो कहीं सैन्य अभियान हुए. लेकिन, इन तमाम संकट की स्थिति को हमारी Government ने अच्छे से हैंडल किया और यह उसी का नतीजा है कि आज हम वैश्विक मंच पर इस पायदान पर खड़े हैं.
वहीं, मालेगांव विस्फोट मामले में न्यायालय के फैसले का उन्होंने स्वागत किया और कहा कि जब पूरी दुनिया में इस्लाम का सुरक्षा कवच पहनकर आतंक फैलाने की कोशिश की गई, उस समय India में भगवा आतंकवाद की अवधारणा स्थापित की गई. इसके पीछे का मकसद यह था कि वास्तविक आतंकवाद को सुरक्षित किया जाए. आतंकवादियों को बचाने के लिए राष्ट्रवादियों को निशाने पर लिया गया.
उन्होंने कहा कि इस हमले को जब अंजाम दिया गया था, तब प्रतिनिधिमंडल में मैं खुद गया था. तब सिक्योरिटी एजेंसी ने खुद इस बात की आशंका जताई थी कि इस हमले की आड़ में कुछ राष्ट्रवादियों को फंसाने की कोशिश की जा रही है. जिसका जिक्र हमने बाद में संसद में भी किया था और बाद में आगे चलकर इसका खुलासा भी हुआ था.
वहीं, मतदान पुनरीक्षण को लेकर विरोधी दलों की ओर से किए जा रहे विरोध पर मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि यह सबकुछ राजनीति के तहत किया जा रहा है. याद कीजिए, जब सीएए लाया जा रहा था, तब भी इन लोगों ने यही शिगूफा छोड़ा था कि लोगों की नागरिकता चली जाएगी. लेकिन, आज क्या हुआ, क्या किसी की नागरिकता गई? नहीं गई ना. इसी तरह से यह लोग मतदान पुनरीक्षण को लेकर विरोध कर रहे हैं. लेकिन, इस विरोध की अपनी कोई प्रासंगिकता नहीं है.
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एसएचके/जीकेटी