राहुल गांधी ने विदेश जाकर भारत को बुरा-भला कहने की आदत बना ली है : चिराग पासवान

पटना, 9 सितंबर . अमेरिका में एक संबोधन के दौरान राहुल गांधी ने चीन की तारीफ की. राहुल गांधी ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग के मामले में चीन भारत से आगे है. चीन में बेरोजगारी नहीं है. भारत बेरोजगारी से जूझ रहा है. राहुल गांधी के इस बयान पर सोमवार को केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान ने प्रतिक्रिया दी.

उन्होंने कहा कि उन्हें अपने देश में तमाम बुराइयां दिखती हैं और उन्हें लगता है कि दूसरे देशों में सब कुछ बहुत बढ़िया चल रहा है. राहुल गांधी ने जिस तरह से विदेश जाकर भारत को बुरा-भला कहने की आदत बना ली है. यह कहीं न कहीं गलत राजनीतिक परंपरा की शुरुआत है. आपसी मतभेद हो सकते हैं. सत्ता पक्ष और विपक्ष में हमेशा से मतभेद रहे हैं. लेकिन विदेशी मंच पर जाकर अपने राजनीतिक मतभेदों का इस्तेमाल अपने निजी राजनीतिक फायदे के लिए करना और अपने ही देश को बुरा-भला कहना बिल्कुल भी सही नहीं है.

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी सरकार को अपने सुझाव दे सकते हैं. अपनी चिंताएं भी बता सकते हैं. लेकिन दूसरे देश में जाकर इस तरह से भारत के बारे में बुरा बोलना बिल्कुल भी सही नहीं है.

पटना सिटी में बीजेपी नेता की हत्या को लेकर चिराग पासवान ने कहा कि अगर कोई इस तरह से दिनदहाड़े हत्या कर देता है तो यह चिंता का विषय है. अपराधियों का मनोबल इतना बढ़ गया है. ऐसी स्थिति में यह जरूरी है कि कानून को और सख्ती से लागू किया जाए. जब तक अपराधियों के मन में डर नहीं होगा. तब तक ऐसी घटनाएं होती रहेंगी. उन्होंने कहा, “मैं फिर से स्थानीय प्रशासन से अनुरोध करूंगा कि जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ जल्द से जल्द सख्त कार्रवाई करें और कम से कम अपराधियों के मन में कानून का डर स्थापित करने का काम करें.”

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने अपने बयान में कहा था कि राहुल गांधी पप्पू नहीं हैं. वह गहरी सोच वाले रणनीतिकार हैं. इस सवाल के जवाब में चिराग ने कहा कि यह सारी सोच जनता के दायरे में है. अगर उसके बाद भी जनता ने तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार को चुना है तो यह साफ है कि सैम पित्रोदा राहुल गांधी के बारे में जो भी बातें बता रहे हैं, कम से कम भारत की जनता उसे स्वीकार नहीं करती. अगर करती तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री नहीं बनते, जो भारत के इतिहास में बड़ी उपलब्धि है. यह लगातार दूसरी बार ही हुआ है कि देश की जनता ने एनडीए गठबंधन से एक ही प्रधानमंत्री को तीसरी बार चुना है. ऐसे में पित्रोदा खुद जो कह रहे हैं, उसे देश की जनता स्वीकार नहीं कर रही है.

आरके/जीकेटी