राहुल गांधी अपर‍िपक्‍व, पहले से ज्यादा हो गए बिगड़ैल, देश विरोधी ताकतों के साथ घूम रहे : किरेन रिजिजू (आईएएनएस साक्षात्कार)

नई दिल्ली, 6 अक्टूबर . केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने रविवार को से खास बातचीत में कांग्रेस सांसद राहुल की राजनीतिक परिपक्वता पर सवाल उठाते हुए निशाना साधा.

उन्होंने कहा कि, राहुल गांधी जब विपक्ष के नेता बने तो मैं सोचा कि सुधर जाएंगे. उनके अंदर मैच्योरिटी आएगी, लेकिन मैच्योरिटी आने की जगह राहुल गांधी तो और भी बिगड़ गए हैं. पहली बार ऐसा हुआ कि लोकसभा और राज्यसभा में प्रधानमंत्री को बोलने नहीं दिया गया. प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के समय में वे वेल में आकर के उछल-उछल कर हंगामा करने लगे. लोकतंत्र में इस तरह का व्यवहार शोभा नहीं देता है. भारत के इतिहास में प्रधानमंत्री के बोलने के समय व्यवधान पैदा करने की परंपरा नहीं रही है, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने यह इस तरह का दुर्भाग्यपूर्ण व्यवहार किया.

उन्होंने कहा कि, नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद राहुल गांधी को सुधर जाना चाहिए था, लेकिन वो सुधरने की बजाय बहुत बुरी तरीके से बिगड़ गए हैं और देश विरोधी ताकतों के साथ खुलेआम घूम रहे हैं. अमेरिका में जाकर भारत को गाली देते हैं. देश विरोधी लोगों के साथ घूम रहे हैं, चाय पी रहे हैं. उनसे तालमेल बनाकर भारत को बदनाम करने का काम कर रहे हैं. यह हमारे लिए अफसोस की बात है कि हमारे देश में ऐसा नेता है. ये शर्म का विषय है कि वो चुने हुए सांसद हैंं, लेकिन भारत विरोधी ताकतों के साथ खुलेआम घूमते हैं.

जम्मू-कश्मीर व हरियाणा के एग्जिट पोल नतीजों को लेकर उन्होंने कहा कि, चुनाव में हार जीत लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन जम्मू कश्मीर से अनुच्‍छेद 370 हटाने की अहमियत कांग्रेस और देश विरोधी ताकतों को कभी समझ में नहीं आ सकता है. एक ही देश में दो संविधान हम कैसे मंजूर कर सकते हैं. कांग्रेस और एनसी गठबंधन के नेता कह रहे हैं कि सत्ता में आने के बाद वो अनुच्‍छेद 370 को वापस लाएंगे, अलग से जम्मू-कश्मीर के लिए संविधान बनाएंगे. ये कोई कैसे मान सकता है. हमारे देश का सामान्य से सामान्य नागरिक, जो देश हित में सोचता है, वह इसे कैसे मंजूर कर सकता है.

उन्होंने कहा कि, कांग्रेस ने 60 सालों तक पूर्वोत्तर के राज्यों को अंधेरे में रखने का काम किया. पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा उग्रवादी संगठन नॉर्थ ईस्ट में हैं. यह कैसे पैदा हो गए और कोई सुनने वाला क्यों नहीं था. पहले पूर्वोत्तर के लोगों का दिल्ली में कोई नहीं था, लेकिन मोदी जी के आने के बाद 10000 से ज्यादा मिलिटेंट ने हथियार के साथ सरेंडर किया और वह मुख्यधारा से जुड़ गए. मणिपुर में दो समुदायों के बीच एक घटना हुई और उसको छोड़ कर पूरे नॉर्थ ईस्ट में शांति है और अभी जिस तेजी के साथ नॉर्थ ईस्ट आगे बढ़ रहा है, कुछ सालों के बाद विकास के मामले में हम देश के अन्य राज्यों के बराबर पहुंच जाएंगे.

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