राहुल गांधी का दिल्ली में प्रचार करना पार्टी के लिए अच्छा : संदीप दीक्षित

नई दिल्ली, 13 जनवरी . देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चुनावी बिगुल बजने के बाद सभी राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है. इसी कड़ी में आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी दिल्ली में चुनाव प्रचार का शंखनाद करने जा रहे हैं. नई दिल्ली सीट से प्रत्याशी संदीप दीक्षित ने इस पर खुशी जाहिर की.

इसी को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संदीप दीक्षित ने सोमवार को से खास बातचीत की.

उन्होंने कहा, ” आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी की पहली रैली है. मुझे लगता है कि इसका दिल्ली में अच्छा प्रभाव हो सकता है, क्योंकि राहुल गांधी पार्टी की वरिष्ठ नीति और सोच का प्रतिनिधित्व करते हैं. पिछले कुछ समय से यह सवाल उठ रहा था कि कांग्रेस का वरिष्ठ नेतृत्व कहां है और अब राहुल गांधी के आने से यह संदेश जाएगा कि कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं को मजबूत करने के लिए एक ठोस अभियान चला रही है.”

आगे बोले, ” आज से कांग्रेस का अभियान औपचारिक रूप से शुरू हो रहा है. जहां तक दिल्ली के विभिन्न इलाकों में नेताओं के आने-जाने का सवाल है, वह हमारी वरिष्ठ नेतृत्व द्वारा तय किया जाएगा. हम सभी इस अभियान की शुरुआत को लेकर उत्सुक हैं.”

कांग्रेस नेता ने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा, ” दिल्ली में जाट समुदाय के लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि पिछले दस सालों में उन्हें आरक्षण क्यों नहीं दिया गया? जब हरियाणा में आरक्षण के मुद्दे पर लोग सड़कों पर उतरे थे, तब आप ने इनका समर्थन नहीं किया. शीला दीक्षित जी ने इस मुद्दे पर काफी काम किया था, लेकिन अब किसी ने इसको आगे बढ़ाने की कोशिश नहीं की. जाट इस पर सवाल उठा रहा है.”

उन्होंने आगे कहा कि पश्चिमी दिल्ली में जहां जाट रहते हैं, वहां लोग आम आदमी पार्टी के विधायक को नहीं आने देना चाहते हैं. लोग यह मानते हैं कि आम आदमी पार्टी ने चुनाव से पहले पैसे बांटे और दूसरे पक्ष ने इमोशनल कार्ड खेला. ऐसे में हमारी पार्टी का क्या अभियान है, यह भी लोगों के बीच चर्चा का विषय है.

वहीं, चुनाव में पैसे बांटने को लेकर कांग्रेस नेता ने नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि पार्टी के पैसे बांटने वाले तरीके को लेकर भी कई लोगों ने शिकायत की है. कुछ महिलाएं और लोग इसको रिश्वत मानते हैं और कह रहे हैं कि इस तरह से वोट खरीदे नहीं जा सकते. उदाहरण के लिए, कुछ जगहों पर चादर, कंबल, और पैसे बांटे जा रहे हैं, लेकिन यह तरीका गलत है. अगर आपको किसी को चादर, कंबल या पैसे देकर वोट चाहिए, तो क्या आपके पास जनता के लिए विकास, ईमानदारी और पार्टी का एजेंडा नहीं है?

उन्होंने आगे कहा कि वोटर को सम्मान देना चाहिए, न कि उसे एक बिकाऊ वस्तु समझना चाहिए. जो पार्टियां सोचती हैं कि वोटर को खरीदा जा सकता है, वे वोटर का अपमान कर रही हैं. वोटर सिर्फ पैसे और सामान के बदले नहीं बिकते; उन्हें पार्टी के विकास और प्रतिबद्धता से प्रभावित किया जाता है.

एसएचके/केआर