महाकुंभ में छाए रबड़ी वाले बाबा, श्रद्धालुओं को फ्री में देते हैं प्रसाद

महाकुंभ, 21 जनवरी . संगम नगरी प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में साधु-संत अपनी वेशभूषा और अनूठी साधना के लिए सुर्खियां बटोर रहे हैं. इन्हीं में से एक महंत देव गिरि जी महाराज हैं, जो महानिर्वाणी अखाड़े से ताल्लुक रखते हैं. वह रबड़ी वाले बाबा के नाम से भी जाने जाते हैं.

गुजरात से आए महंत देवगिरी जी महाराज अपने शिविर के बाहर एक कड़ाही में रबड़ी बनाते हैं. बाबा इस रबड़ी को खुद ही तैयार करते हैं और इसके बाद वह अपने शिविर में आने वाले श्रद्धालुओं को रबड़ी खिलाते हैं.

महंत देव गिरि जी महाराज उर्फ रबड़ी वाले बाबा ने से बातचीत में कहा कि साल 2019 में लगे मेले के दौरान हमने भगवान कपिल मुनि को डेढ़ महीने तक रबड़ी चढ़ाई थी. अब महाकुंभ में 9 दिसंबर से रबड़ी बनाने शुरू की है, जो 6 फरवरी तक चालू रहेगी. 33 करोड़ देवी-देवताओं को भोग लगाया जाता है. इसके बाद सभी साधु-संतों में रबड़ी बांटी जाती है और फिर इसे मीडियाकर्मियों, पुलिसकर्मियों और सफाईकर्मियों में वितरित किया जाता है.

उन्होंने कहा, “मैं उत्तर गुजरात के पाटन जिले से आया हूं और हमारे यहां रोजाना करीब 150 लीटर दूध से रबड़ी बनाई जाती है. यह मेरा पांचवा कुंभ है और मैं इतना ही कहना चाहूंगा कि सभी लोग भारी तादाद में महाकुंभ में शामिल हों और स्नान करें.”

बाबा ने बताया कि मेरे पास 15 बीघा खेती है और खुद ही खेतों में काम करता हूं. अपने पास से ही भोग का इंतजाम करता हूं और इसके लिए मैं किसी से भी आर्थिक मदद नहीं लेता हूं.

उन्होंने कहा कि मैं जब 13 साल का था, तभी संन्यास लिया था. अब मेरी उम्र 53 साल हो गई है. मैं सभी लोगों से अपील करूंगा कि यहां आकर सनातन धर्म के बारे में जानें.

संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ 26 फरवरी तक चलेगा. ऐसा महाकुंभ 144 साल बाद आया है. इसके चलते हर कोई स्नान के लिए संगम नगरी प्रयागराज पहुंच रहा है.

एफएम/एकेजे