Lucknow, 28 जून . उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव ने Saturday को कहा कि आयोग महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों पर तेजी से कार्रवाई कर रहा है और सभी मामलों का त्वरित निस्तारण प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए आयोग प्रतिबद्ध है.
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश यौन अपराधों से संबंधित जांच और निपटान में पूरे देश में पहले स्थान पर है. यह उपलब्धि आयोग, Police और राज्य की डबल इंजन Government के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है.
अपर्णा ने कहा, ”हमने 96.8 प्रतिशत शिकायतों का समाधान किया है, जो हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. उत्तर प्रदेश में महिलाएं Chief Minister योगी आदित्यनाथ के शासन में सुरक्षित हैं.”
उन्होंने यौन अपराधों को सामाजिक कुरीति करार देते हुए कहा कि यह किसी भी व्यक्ति, चाहे वह किसी भी पद पर हो, के साथ हो सकता है. आयोग का लक्ष्य हर स्तर पर त्वरित कार्रवाई करना है. सितंबर 2024 से आयोग ने कार्यों में तेजी लाई है और हर जिले में कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है. हमारा ट्रैक रिकॉर्ड इस बात का गवाह है कि हम महिलाओं के लिए न्याय सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे. महिला आयोग की जिम्मेदारी बहुत बड़ी है, अगर आप उत्तर प्रदेश में पूरे अधिनियम और उसके नियमों को देखें, तो आप पाएंगे कि हमारे काम का दायरा काफी व्यापक है. मैं व्यक्तिगत रूप से सुनिश्चित करती हूं कि किसी के अधिकारों का कभी हनन न हो.
उन्होंने बताया कि आईटीएसओ (इन्वेस्टिगेशन ट्रैफिकिंग सिस्टम फॉर सेक्सुअल ऑफेंस) का एक महत्वपूर्ण ट्रैक रिकॉर्ड है, जिससे बहुत सी जानकारियां सामने आती हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस मामले में यूपी इस समय देश में पहले नंबर पर है. यह सब एक संयुक्त प्रयास से संभव हुआ है. आयोग के बिना, Police के बिना और हमारे Chief Minister के नेतृत्व के बिना यह संभव नहीं हो पाता. यह डबल इंजन वाली Government और मजबूत टीम वर्क का नतीजा है.
अपर्णा यादव ने लोगों से भारतीय संस्कृति और परंपराओं को अपनाने की अपील की. उन्होंने कहा कि आयुर्वेदिक जीवनशैली और भारतीय खानपान की परंपराओं को अपनाकर लोग स्वस्थ और संतुलित जीवन जी सकते हैं. उन्होंने युवा पीढ़ी से धैर्य और सहनशीलता विकसित करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि आजकल की पीढ़ी में ‘शट अप’ संस्कृति बढ़ रही है. हमें अपने रिश्तों में धैर्य और सहनशीलता लानी होगी.
उन्होंने कहा कि मैं समझती हूं कि हम अच्छा काम करके दिखा रहे हैं. मैं बस इतनी बात कहती हूं कि जीवन और मृत्यु किसी के हाथ में नहीं होता है, जब मृत्यु को आना होता है तो वह आ ही जाता है. हम आयुर्वेदिक चीजें इस्तेमाल करें और अपने भारतीय रूप से जो खाने की परंपरा है, सोने की परंपरा है, जो हमारे कुछ संस्कार हैं, उसको जीवन में अपनाएं. जिम करना किसी भी तरह से गलत नहीं है. अपने जीवन में जो है थोड़ा समय अपने आपके लिए भी निकालें और अध्ययन करें.
वैवाहिक रिश्तों में बढ़ती हिंसा पर चिंता जताते हुए अपर्णा ने कहा कि अगर कोई दंपति साथ नहीं रहना चाहता, तो उसे सौहार्दपूर्ण तरीके से अलग होने का रास्ता चुनना चाहिए. दरिंदगी भरे अपराध न केवल पीड़ित के लिए, बल्कि उनके परिवार और समाज के लिए भी बड़ा नुकसान हैं. रिश्तों में हिंसा स्वीकार्य नहीं है. पति-पत्नी का रिश्ता सात जन्मों का है. आजकल युग बदल रहा है. हमें अच्छे तरीके से रिश्तों को निभाने पर जोर देना चाहिए. हम अपनी जड़ों और मूल्यों की ओर लौटें. हमें इस ‘चुप रहने की संस्कृति’ से दूर जाने की जरूरत है. इसके बजाय सहिष्णुता का विकास करना चाहिए.
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एकेएस/एबीएम