झारखंड डीजीपी की नियुक्ति पर उठे सवाल, सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की पीठ अगले हफ्ते करेगी सुनवाई

रांची, 24 जुलाई . झारखंड के मौजूदा डीजीपी अनुराग गुप्ता के पद पर बने रहने को असंवैधानिक बताने वाली याचिका पर Supreme court के तीन न्यायाधीशों की पीठ अगले हफ्ते सुनवाई करेगी. यह मामला Thursday को चीफ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ के समक्ष याचिकाकर्ताओं की अधिवक्ता अंजना प्रकाश ने मेंशन किया.

इस पर अदालत ने याचिका को अगले Wednesday या Thursday को मामले को तीन जजों की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने पर सहमति दी है. वरिष्ठ अधिवक्ता अंजना प्रकाश ने अदालत में कहा कि डीजीपी के पद पर अनुराग गुप्ता की नियुक्ति Supreme court के पूर्व के आदेशों के खिलाफ है.

उन्होंने प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार केस में Supreme court के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी राज्य में कार्यवाहक डीजीपी की नियुक्ति पर रोक है. कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि कार्यवाहक डीजीपी की व्यवस्था कानून और न्याय के सिद्धांतों के अनुरूप नहीं है.

अधिवक्ता अंजना प्रकाश ने कहा कि कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन करते हुए अनुराग गुप्ता को पहले कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया. फिर उन्हें इस पद पर नियमित कर दिया गया. State government ने उनका वेतन भी रोक दिया था और फिर शुरू कर दिया. ऐसे में डीजीपी को लेकर राज्य में असमंजस की स्थिति बनी हुई है.

उल्लेखनीय है कि 6 सितंबर 2024 को तत्कालीन सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला तथा मनोज मिश्रा की पीठ ने झारखंड के मुख्य सचिव से इस मामले में जवाब मांगा था. याचिका में आईपीएस अनुराग गुप्ता की कार्यवाहक डीजीपी के रूप में नियुक्ति को प्रकाश सिंह केस के फैसले का उल्लंघन बताया गया था. याचिका में यह भी कहा गया था कि आईपीएस अनुराग गुप्ता की कार्यवाहक डीजीपी के रूप में नियुक्ति अवमानना की श्रेणी में आती है.

डीजीपी अनुराग गुप्ता की नियुक्ति को चुनौती देते हुए झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर रखी है. इस याचिका पर बीते 15 जून को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान सरकार का पक्ष सुना था, लेकिन अन्य प्रतिवादियों का जवाब नहीं दाखिल हो पाया था. कोर्ट ने इसपर सभी प्रतिवादियों, केंद्र सरकार, State government और अन्य को जवाब दायर करने के लिए एक और अवसर दिया था. इस मामले में अगली सुनवाई इसी महीने संभावित है.

एसएनसी/डीएससी