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रांची, 18 नवंबर . बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद महागठबंधन की ओर से लगातार चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए जा रहे हैं. Jharkhand से कांग्रेस नेता राजेश ठाकुर ने कहा कि अगर युवा सड़क पर आ गए तो संभालना मुश्किल हो जाएगा.
रांची में से बातचीत में राजेश ठाकुर ने कहा कि जिस तरह के परिणाम बिहार विधानसभा चुनाव के आए हैं, हमने स्वीकार किया है. लेकिन, चुनाव में दोनों डिप्टी सीएम के वोट को देखेंगे तो बराबर वोट मिले हैं, इससे संदेह पैदा होता है. जबकि, निर्दलीय उम्मीदवार को एक भी वोट नहीं मिला. यह संदेह पैदा कर रहा है. इस तरह के संदेह से आक्रोश पैदा होता है, यकीनन जेन जी में आक्रोश पैदा होगा और वह निश्चित रूप से सामने आएगी.
चुनाव में हार की वजहों को लेकर सभी लोग बारीकी से अध्ययन कर रहे हैं और यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि किस क्षेत्र में किसने किसे वोट दिया. एक बार जब ये सारी जानकारी एकत्र हो जाएगी, तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि कितनी असमानताएं और अनियमितताएं थीं. मैं यह इसलिए भी कह रहा हूं क्योंकि चुनाव आयोग मूकदर्शक बना हुआ है. आयोग दावा करता है कि सब कुछ ठीक है और चुनाव सही ढंग से संपन्न हुए, लेकिन जब कोई अंधा हो, तो उसे सब कुछ ठीक ही लगेगा. उदाहरण के लिए, चुनाव के दौरान महिलाओं के बैंक खाते में 10 हजार रुपए की सहायता राशि दी गई. आयोग को यह उल्लंघन नजर नहीं आया.
कांग्रेस नेता ने पूछा कि आयोग की ओर से क्या कार्रवाई हुई? चुनाव आयोग का क्या उद्देश्य है?
चुनाव आयोग का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता राजेश ठाकुर ने कहा कि चुनाव आयोग को निष्पक्ष होना चाहिए. सभी जानते हैं कि एक निष्पक्ष चुनाव आयोग देश के लिए बेहद जरूरी है, जो न सिर्फ जानकारी देता है, बल्कि महत्वपूर्ण मामलों का संज्ञान भी लेता है. मौजूदा चुनाव आयोग सिर्फ जानकारी दे रहा है, लेकिन जिन मामलों पर उसे ध्यान देना चाहिए था, उन पर ध्यान देने में पिछड़ रहा है. चुनावी धांधली के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, फिर भी चुनाव आयोग सिर्फ चुनाव खत्म होने और एनडीए Government बनने का इंतजार करता रहा है.
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डीकेएम/एएस