क्यूसीओ ने एमएसएमई को उनके उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाकर पहुंचाया लाभ : पीयूष गोयल

New Delhi, 27 जून . केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर्स (क्यूसीओ) ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को उनके उत्पादों की गुणवत्ता और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाकर लाभ पहुंचाया है.

क्यूसीओ घटिया उत्पादों के आयात को प्रतिबंधित करने और उपभोक्ता सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ भारतीय उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण है.

social media प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में Union Minister गोयल ने कहा कि उन्होंने क्यूसीओ के कार्यान्वयन पर चर्चा करने के लिए एमएसएमई क्षेत्र के साथ एक हितधारक परामर्श बैठक की.

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री ने कहा, “स्टैंडर्ड सेटिंग प्रॉसेस को अधिक सहयोगात्मक, समावेशी और अनुपालन में आसान बनाने पर उनकी प्रतिक्रिया की सराहना की. एमएसएमई ने स्वीकार किया कि क्यूसीओ ने उत्पाद की गुणवत्ता और उपभोक्ता संतोष को बढ़ाकर उनके क्षेत्र को लाभ पहुंचाया है.”

Union Minister के अनुसार, Prime Minister Narendra Modi के ‘जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट’ के दृष्टिकोण के अनुरूप, एमएसएमई ने घरेलू क्षमताओं को बढ़ावा देने और देश की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के लिए ‘क्वालिटी माइंडसेट’ के महत्व को भी दोहराया.

उद्योगों में एक मजबूत क्वालिटी फ्रेमवर्क स्थापित करने के पीएम मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप, डीपीआईआईटी विनिर्माण मानकों को बढ़ाने और ‘मेड इन इंडिया’ उत्पादों की वैश्विक प्रतिष्ठा को मजबूत करने के लिए क्यूसीओ को सक्रिय रूप से अधिसूचित कर रहा है.

इन प्रयासों को टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, प्रोडक्ट मैनुअल और परीक्षण प्रयोगशालाओं की मान्यता के विकास द्वारा पूरक किया जाता है.

इन पहलों के माध्यम से, Government ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण के तहत एक विश्व स्तरीय, आत्मनिर्भर मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम बनाने का प्रयास कर रही है.

क्यूसीओ India में उत्पाद मानकों को बढ़ाने के लिए एक रणनीतिक प्रयास को दर्शाते हैं, जिससे भारतीय निर्माता घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों में आगे बढ़ सकें.

इस महीने की शुरुआत में, देश में मान्यता के राष्ट्रीय संरक्षक, भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) ने राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यापन बोर्ड (एनएबीएल) का एक नया पोर्टल लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य मान्यता प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना और विशेष रूप से प्रयोगशालाओं और एमएसएमई के लिए डिजिटल पहुंच को बढ़ाना है.

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