अजमेर, 9 नवंबर . राजस्थान के अजमेर के पुष्कर में शनिवार को ‘अंतर्राष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले’ की शुरुआत पूजा-पाठ और ध्वजारोहण के साथ हो गई. इस खास मौके पर स्कूली छात्रों ने सांस्कृतिक प्रस्तुति भी दी.
नगाड़ा और शंख की ध्वनि के साथ मेले का आगाज हुआ. राजस्थान के जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत, जिला कलेक्टर लोक बंधु, एसपी वंदिता राणा ने पुष्कर के मेला मैदान में ध्वजारोहण कर पुष्कर मेले की औपचारिक शुरुआत की.
विश्व विख्यात नगाड़ा वादक नाथूलाल सोलंकी ने अपने नगाड़ा वादन से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया. इस मौके पर कैबिनेट मंत्री सुरेश सिंह रावत ने भी नगाड़ा बजाया. इसके बाद मेला मैदान में स्कूली छात्रों ने राजस्थानी गीतों पर सांस्कृतिक प्रस्तुति दी. मेले के शुभारंभ कार्यक्रम में ‘कैमल मार्च’ भी निकाला गया, जिसमें ऊंट पालक अपने ऊंटों को सजा कर लाए थे.
अंतर्राष्ट्रीय पुष्कर मेले के शुभारंभ पर पुष्कर के मेला मैदान में बड़ी संख्या में देसी-विदेशी सैलानी मौजूद रहे.
इस पर राजस्थान सरकार में जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने कहा, “आज पुष्कर पशु मेले की शुरुआत हो चुकी है. रोज अलग–अलग कार्यक्रम होंगे. इस मेले में बड़ी संख्या में ऊंट भी आते हैं. इसके अलावा, देश-विदेश के सैलानी भी आते हैं. अधिकांश देशों के लोग इस मेले में शिरकत करने आते हैं. विभिन्न नस्लों के पशु भी इस मेले में आते हैं. ऐसे में आपको प्रकृति का एक मनोरम दृश्य देखने को मिलता है.”
उन्होंने आगे कहा, “पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हमारी सरकार कई तरह के कदम उठा रही है. मेले में आने वाले सभी पर्यटकों के मनोरंजन के लिए कई तरह के कार्यक्रम भी आयोजित किए हैं. यह पशुओं का मेला है. जिसमें विभिन्न नस्लों के पशुओं को शामिल किया जाता है. लेकिन, बीते कुछ वर्षों में मेले में पशुओं की संख्या में कमी देखने को मिली है. लेकिन, इस बार हमने मेले में पशुओं की संख्या बढ़ाने का भरसक प्रयास किया है. इस बार मेले में ‘कैमल शो’ भी आयोजित किया गया है.”
जिला कलेक्टर लोक बंधु ने कहा, “पुष्कर के पशु मेले का आयोजन विधिवत रूप से हो चुका है. पशुपालक भी आ चुके हैं. अन्य श्रद्धालु भी आए हैं. मेले में हिस्सा लेने वाले किसी भी व्यक्ति को कोई दिक्कत ना हो, इसकी पूरी व्यवस्था की गई है. मेले को आकर्षक बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों के आयोजन किए गए हैं. शहर से निकलने वाली आध्यात्मिक यात्रा के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है.”
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एसएचके/एएस