बेगूसराय, 22 मार्च . पूर्णिया सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने क्षेत्रीय मक्का अनुसंधान एवं बीज उत्पादन केंद्र, कुशमहौत (बेगूसराय) को शिवमोग्गा (कर्नाटक) में स्थानांतरित करने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ शनिवार को एक पदयात्रा निकाली.
यह पदयात्रा बेगूसराय के पावर हाउस चौक से शुरू होकर हड़ताली चौक तक निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में किसानों, स्थानीय नागरिकों और कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया. पदयात्रा के दौरान सांसद पप्पू यादव ने केंद्र सरकार पर बिहार के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, “क्षेत्रीय मक्का अनुसंधान केंद्र बिहार के किसानों के लिए जीवन रेखा है. इसे कर्नाटक स्थानांतरित करना बिहार की कृषि अर्थव्यवस्था और किसानों के हितों पर सीधा हमला है. मक्का उत्पादन में बिहार का अहम योगदान है, फिर भी केंद्र सरकार इस केंद्र को राज्य से बाहर ले जाकर हमारे किसानों को ठगने का काम कर रही है.”
उन्होंने कहा कि यह पदयात्रा सिर्फ एक विरोध नहीं, बल्कि बिहार की मिट्टी और किसानों के सम्मान की लड़ाई है. हम चुप नहीं बैठेंगे और इस अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद करते रहेंगे. केंद्र सरकार को यह फैसला वापस लेना होगा, वरना बिहार की जनता इसका मुंहतोड़ जवाब देगी.
पदयात्रा में शामिल लोगों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और मक्का अनुसंधान केंद्र को बेगूसराय में ही बनाए रखने की मांग की. सांसद पप्पू यादव ने सरकार से मांग की है कि किसानों की आजीविका से जुड़े इस महत्वपूर्ण संस्थान को स्थानांतरित करने का निर्णय तत्काल रद्द किया जाए.
उन्होंने कहा कि जिले के किसानों की थर्मल पावर को दी गई जमीन की समस्या को लेकर भूमि राजस्व मंत्री संजय सरावगी से बात की है. खनन विभाग के अधिकारियों द्वारा किसानों के खेतों से मिट्टी काटे जाने की समस्या को लेकर उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा से भी बात की. दोनों ने समस्याओं के समाधान का भरोसा दिया है.
पप्पू यादव ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर इनके जैसे 100 मंत्री भी आ जाएंगे, तब भी यहां से क्षेत्रीय मक्का अनुसंधान एवं बीज उत्पादन केंद्र, कुशमहौत (बेगूसराय) को यहां से स्थानांतरित नहीं होने देंगे. वहीं, स्थानीय सांसद गिरिराज सिंह पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें बिहार के विकास से कोई मतलब नहीं है, सिर्फ हिंदू-मुसलमान करना है. जिले के विकास के लिए उन्होंने कोई काम नहीं किया है.
–
एमएनपी/एबीएम