खनौरी, 21 मार्च . पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस ने हाल ही में सीमेंट की दीवार को हटा दिया है, जो पहले किसानों को रोकने के लिए बनाई गई थी. इस दीवार को हटाने के बाद हरियाणा की ओर से रास्ता साफ कर दिया गया है. दूसरी तरफ, पंजाब पुलिस ने भी खनौरी और शंभू बॉर्डर से किसानों को हटाकर इलाके को खाली कराया है. यह कार्रवाई 19 मार्च की रात को शुरू हुई थी, जिसके बाद हरियाणा पुलिस ने 20 मार्च को अपने हिस्से की बैरिकेडिंग हटाई.
इस फैसले से आसपास के लोग खुश हैं. पिछले एक साल से बॉर्डर बंद होने की वजह से ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था.
स्थानीय लोगों का कहना है कि बॉर्डर बंद होने से न सिर्फ उनकी रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हुई, बल्कि आर्थिक नुकसान भी हुआ.
ग्रामीण भूपेंद्र सिंह ने से बातचीत में बताया, “बॉर्डर बंद होने की वजह से हम घूम-फिर नहीं सकते थे. घर से बाहर निकलना मुश्किल था. अब लोग अपने काम-धंधे ठीक से कर पाएंगे. सरकार का यह फैसला सही है. हमारे पास ट्राला था, जिसके चलते पिछले एक साल में डीजल पर एक लाख रुपये का अतिरिक्त खर्चा हो गया.”
ग्रामीणों ने बताया कि बॉर्डर बंद होने से शादी-ब्याह जैसे आयोजनों में भी दिक्कत होती थी.
भूपेंद्र ने कहा, “शादी के लिए सामान लाने-ले जाने में बहुत परेशानी थी. इधर कोई जाता नहीं था, दूसरी तरफ से घूमकर जाना पड़ता था. गाड़ियां ले जाने में लोग तंग करते थे. रास्ता बंद होने से छोटे-मोटे व्यापारियों का माल बीच में ही गिर जाता था, जिससे नुकसान होता था.”
उन्होंने आगे कहा, “जो लोग बाहर से आते थे या एयरपोर्ट जाते थे, उन्हें सबसे ज्यादा परेशानी होती थी. रात को कई बार मुझे रास्ता बताना पड़ता था. अब बॉर्डर खुलने से बहुत राहत मिलेगी. हम सब बहुत खुश हैं. परमात्मा ने बहुत अच्छा किया.”
खनौरी और शंभू बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन पिछले साल 13 फरवरी से चल रहा था. किसानों की मांग थी कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दी जाए. लेकिन एक साल से ज्यादा समय तक चले इस प्रदर्शन के कारण स्थानीय लोगों का जनजीवन प्रभावित हो रहा था. पंजाब पुलिस ने 3,000 से ज्यादा जवानों के साथ बॉर्डर को खाली कराया, जिसमें बुलडोजर का इस्तेमाल कर टेंट और अस्थायी ढांचे हटाए गए. इसके बाद हरियाणा पुलिस ने भी सीमेंट की दीवारें और अन्य अवरोध हटाकर रास्ता खोल दिया.
अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही दोनों बॉर्डर पर यातायात सामान्य हो जाएगा. ग्रामीणों का मानना है कि इससे उनकी जिंदगी फिर से पटरी पर लौट आएगी और व्यापार-रोजगार में भी सुधार होगा.
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एसएचके/केआर