रांची, 20 मार्च . कांग्रेस विधायक श्वेता सिंह ने किसान आंदोलन को लेकर पंजाब सरकार के रवैये पर सवाल उठाए हैं. से बातचीत में उन्होंने इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया. श्वेता सिंह ने कहा कि किसान देश की रीढ़ हैं और उनकी मेहनत से ही हमारा जीवन चलता है. इसके बावजूद, अगर कोई सरकार उनके खिलाफ आक्रामक और नकारात्मक रुख अपनाती है, तो यह गलत है. उन्होंने पंजाब की सत्तारूढ़ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह विडंबना है कि जिन किसानों का समर्थन लेकर वे सत्ता में आए, आज वही उनके खिलाफ खड़े हैं.
श्वेता सिंह ने कहा, “किसान हमारी ताकत हैं. उनके द्वारा उगाया गया अनाज ही हमारे शरीर में खून बनकर दौड़ता है. अगर कोई सरकार उनकी बात नहीं सुनती और उनके खिलाफ सख्ती दिखाती है, तो यह निंदनीय है.”
उन्होंने कहा कि किसानों की उपेक्षा करना देश के हित में नहीं है. सरकार को किसानों की समस्याओं को समझना चाहिए और उनके हक में फैसले लेने चाहिए, न कि उनके खिलाफ कदम उठाना चाहिए.
कांग्रेस विधायक ने पंजाब सरकार पर भी तंज कसा. उन्होंने कहा, “यह बड़ा सवाल है कि जो सरकार कभी किसानों के साथ खड़ी थी और उनका समर्थन लेकर सत्ता में आई, आज वह उनके खिलाफ क्यों है? यह एक विडंबना है.”
श्वेता ने सरकार से पूछा कि वे अपने सिद्धांतों को परिस्थितियों के हिसाब से कैसे बदल सकते हैं. उन्होंने कहा, “ऐसा सिद्धांत कैसा, जिसकी कोई मजबूत जड़ ही न हो? यह सोच आधारहीन है. सरकार के पास अपने फैसलों के कारण होंगे, लेकिन वे कितने ठोस हैं, यह देखने वाली बात है.”
श्वेता सिंह का बयान ऐसे समय में आया है, जब किसान नेताओं की केंद्र से वार्ता बेनतीजा रही और इसके बाद महीनों से शंभू और खनौरी बॉर्डर पर जमे किसानों को पुलिस ने हटाने का काम किया. किसान आंदोलन के चलते पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर की गई बैरिकेडिंग हटाई गई. दावा है कि बैरिकेडिंग साफ होते ही 13 महीने से बंद दिल्ली-जम्मू-अमृतसर हाईवे ट्रैफिक के लिए खुल जाएगा.
श्वेता ने सरकार के रवैये को किसान विरोधी करार देते हुए कहा कि यह न सिर्फ किसानों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए चिंता का विषय है. उन्होंने अपील की कि सरकार को किसानों की बात सुनें और उनकी समस्याओं का हल निकालें.
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एसएचके/केआर