केंद्र की स्टार्ट-अप योजना के तहत पंजाब का किसान ऑस्ट्रेलिया को रेडी-टू-कुक बाजरा का निर्यातक बना

नई दिल्ली, 14 फरवरी . केंद्र सरकार के कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने बाजरा आधारित मूल्य वर्धित उत्पादों के विपणन और निर्यात में लगभग 500 स्टार्टअप को सुविधा प्रदान की है.

वाणिज्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि इन स्टार्टअप्स में पंजाब के संगरूर जिले का एक किसान शामिल है, जिसने ऑस्ट्रेलिया को 14.3 मीट्रिक टन बाजरा और इसके उत्पादों की कीमत 45,803 डॉलर की खेप निर्यात की है.

एपीडा के अध्यक्ष अभिषेक देव ने किसान दिलप्रीत सिंह की खेप को हरी झंडी दिखाई जिसमें पकाने के लिए तैयार बाजरा शामिल है.

इसके अलावा रागी, ज्वार, बाजरा और विभिन्न बाजरा जैसे फॉक्सटेल, कोडो, बार्नयार्ड, ब्राउनटॉप, लिटिल और प्रोसो किस्मों से प्राप्त आटा भी पहली बार पंजाब के किसान द्वारा उठाए गए इस अनूठे निर्यात प्रयास का हिस्सा था.

सिडनी स्थित आयातक जसवीर सिंह ने भी वर्चुअल फ्लैग-ऑफ समारोह में भाग लिया.

उन्होंने सहयोग को सुविधाजनक बनाने में व्यापक समर्थन के लिए एपीडा के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया.

वह आगे व्यापार के अवसरों के विस्तार को लेकर आशावादी हैं और उन्होंने भविष्य में इस तरह की और खेपों का आयात जारी रखना सुनिश्चित किया है.

किसान के पास शुरू से अंत तक संपूर्ण मूल्य श्रृंखला नियंत्रण होता है जो खरीदारों के लिए जरूरी होता है.

वह अपने खेत में बाजरा उगाते हैं, प्राथमिक और माध्यमिक प्रसंस्करण उनकी अपनी इकाई में किया जाता है, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय गुणवत्ता की पैकेजिंग भी शामिल है.

यह सफलता की कहानी इस बात का उदाहरण है कि कृषि क्षेत्र को कैसे बदला जा सकता है. दिलप्रीत जैसे किसान कृषि निर्यात में प्रमुख योगदानकर्ता बन सकते हैं.

यह अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में उतरने वाले स्थानीय किसानों के सशक्तिकरण का प्रतीक है.

बाजरा निर्यात 2021-22 में 62.95 मिलियन डॉलर से बढ़कर 2022-23 में 75.45 मिलियन डॉलर हो गया और अप्रैल-नवंबर 2023 से वर्तमान निर्यात 45.46 मिलियन डॉलर हो गया.

बाजरा वैश्विक बाजार में लोकप्रियता हासिल कर रहा है.

मूल्यवर्धित बाजरा उत्पादों सहित अनाज तैयार करने के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिसमें पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 12.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.

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