चंडीगढ़, 21 मार्च . पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने शुक्रवार को राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने “जय जवान और जय किसान” के मुद्दे पर यह कदम उठाया है.
प्रताप बाजवा ने एक कर्नल और उसके बेटे की पुलिस द्वारा कथित रूप से पिटाई के मामले पर सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा, “इस मामले में मुख्यमंत्री भगवंत मान की ओर से अब तक कोई बयान नहीं आया है. दोषियों को केवल निलंबित किया गया है, लेकिन किसी का नाम तक सामने नहीं आया है. हमारी मांग है कि इस पूरे मामले की जांच किसी सिटिंग या रिटायर्ड जज से कराई जाए और मुख्यमंत्री को इसके लिए आदेश देना चाहिए.”
किसानों के मुद्दे पर बोलते हुए बाजवा ने कहा कि सरकार पहले किसानों को बातचीत के लिए बुलाती है और फिर उन्हें हिरासत में ले लेती है. उन्होंने कहा, “पंजाब की परंपरा कभी भी किसी को घर बुलाकर हिरासत में लेने की नहीं रही है. लेकिन मौजूदा सरकार ऐसा कर रही है, जिससे किसानों में भारी नाराजगी है.”
प्रताप बाजवा ने लुधियाना उपचुनाव को लेकर भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि “इस पूरे घटनाक्रम के पीछे अरविंद केजरीवाल की रणनीति है. वह राज्यसभा जाने की योजना बना रहे हैं, इसलिए चुनाव जीतने के लिए सरकार विरोधियों को दबाने का काम कर रही है.”
बाजवा ने आम आदमी पार्टी सरकार पर 1100 रुपये की गारंटी पूरी न करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “चुनाव से पहले महिलाओं को हर महीने 1100 रुपये देने का वादा किया गया था, लेकिन सरकार के पास इसके लिए बजट ही नहीं है.”
प्रताप बाजवा ने साफ कहा कि सरकार की नीतियां पंजाब के जवानों और किसानों के हितों के खिलाफ हैं. इन्हीं कारणों से कांग्रेस ने राज्यपाल अभिभाषण का बहिष्कार किया. उन्होंने सरकार से इन सभी मुद्दों पर स्पष्टीकरण देने और कार्रवाई करने की मांग की.
बता दें कि पंजाब में धरना दे रहे किसानों पर कार्रवाई की गई, जिसके बाद मान सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है. सरकार पर किसानों के खिलाफ काम करने के आरोप लगे हैं. हालांकि, सरकार का कहना है कि किसानों ने सड़क जाम कर रखा था, जिस वजह से उद्योग और व्यापार को नुकसान पहुंच रहा था.
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डीएससी/केआर