पुणे पुल हादसा: प्रशासन ने महाराष्ट्र सरकार को सौंपी प्रारंभिक रिपोर्ट

पुणे, 16 जून . महाराष्ट्र सरकार को पुणे जिला प्रशासन ने पुल हादसे को लेकर अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप दी है. रिपोर्ट में रविवार को इंद्रायणी नदी पर बने 33 साल पुराने पुल के ढहने से चार लोगों की मौत और 51 के घायल होने की पुष्टि की गई है.

यह घटना दोपहर करीब साढ़े तीन बजे हुई, जब करीब 125 पर्यटक पुणे जिले की मावल तहसील के कुंडमाला में एकत्र हुए थे. इस घटना में चार मृतकों में से तीन की पहचान हो गई है जबकि एक की पहचान अभी नहीं हो पाई है. मृतकों के नाम चंद्रकांत साठले, रोहित माने, विहान माने (पहचान हो गई है) हैं जबकि एक की अभी भी पहचान नहीं हो पाई है.

लगातार बारिश के कारण रविवार रात को रोका गया राहत एवं बचाव कार्य सोमवार सुबह फिर से शुरू किया गया.

महाराष्ट्र के पुनर्वास राज्य मंत्री मकरंद पाटिल ने कहा, “पुल 30 साल से ज्यादा पुराना था और इसका निर्माण पुणे जिला परिषद ने करवाया था. प्रशासन ने दोनों तरफ बोर्ड लगाकर लोगों से इसका इस्तेमाल न करने की अपील की थी, लेकिन बारिश के दिन मौज-मस्ती करने आए कुछ लोगों ने इसका इस्तेमाल किया. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह हादसा हुआ. प्रशासन बचाव और राहत कार्यों में लगा हुआ है.”

घटनास्थल पर मौजूद राज्य आपदा प्रबंधन मंत्री गिरीश महाजन ने पहले ही घोषणा कर दी है कि राज्य सरकार मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा देगी.

पुणे जिला प्रशासन के अनुसार कुंडमाला पुल का काम 1990 में शुरू हुआ था और इसे 1993 में उपयोग के लिए खोल दिया गया था.

हालांकि, प्रशासन ने 2023 में पाया कि लगभग 30 वर्षों तक इस्तेमाल हुए पुल अब उपयोग योग्य नहीं है. लोगों को इसका उपयोग न करने को कहा गया था.

प्रशासन ने 8 करोड़ रुपये की लागत से एक नए पुल के निर्माण का प्रस्ताव रखा है. लोक निर्माण विभाग ने टेंडर जारी कर निर्देश जारी कर दिया है. बारिश के बाद काम शुरू होना प्रस्तावित है.

डीकेएम/केआर