नई दिल्ली, 15 फरवरी . लोकसभा चुनाव हो या फिर विधानसभा चुनाव, सभी पार्टियां अपना-अपना मेनिफेस्टो जारी करती हैं. इसमें देश की जनता के लिए सभी पार्टियां बड़े-बड़े लोक लुभावने वादे करती हैं. वहीं भाजपा के मेनिफेस्टो को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच या दृष्टिकोण अलग होता है, वो अपना चुनावी घोषणा पत्र राजनीति से प्रेरित होकर नहीं बनवाते हैं, बल्कि आम जनता के हित और देश के विकास, तरक्की को ध्यान में रखकर जारी करते है. यह बात पब्लिशर मनीष जैन ने कही.
उन्होंने पीएम मोदी और भाजपा के घोषणापत्र से जुड़ा एक पुराना किस्सा बताया. सोशल मीडिया हैंडल से जारी वीडियो में मनीष जैन ने बताया कि मैंने एक दिन उनसे (पीएम मोदी) बात की कि, सर मैं एक पुस्तक तैयार करना चाहता हूं. जो उस समय भाजपा का घोषणा पत्र हुआ करता था, मुझे उस घोषणा पत्र को एक पुस्तक का आकार देना है. मैंने उसके सामने वो बात रखी. लेकिन उन्होंने उसे अस्वीकार कर दिया.
उन्होंने कहा, उससे किसी को फायदा नहीं होगा. अगर किताब तैयार करनी है, तो ऐसी करो, जिससे पता चल सके कि जन संसाधन के बारे में हमारी पार्टी का क्या रुख है, और बाकी पार्टियां इसके बारे में क्या सोच रखती हैं. उन्होंने कहा कि कोई भी ऐसे देश के बड़े विषयों को लो और उन विषयों पर सब पार्टियों के रुख को अलग-अलग करके जब तक नहीं रखोगे, तब तक किसी भी एक पार्टी के घोषणा पत्र को छापने का आम जनता को फायदा नहीं मिलेगा.
मनीष जैन ने बताया कि, मुझे उस समय भी लगा कि उन्होंने कितना सटीक जवाब दिया. घोषणा पत्र हर बार आता है, लेकिन हम ये समझने की कोशिश करते है कि उसमें हमसे जुड़े मुद्दे हैं या नहीं, उस पर सभी पार्टियों का क्या रुख है. पीएम मोदी का यह एक अच्छा विचार था.
गौरतलब है कि पीएम मोदी और उनकी पार्टी ने देश की जनता से अपने घोषणा पत्र में जो अहम वादे किए थे. वो सभी पूरे भी किए हैं, इसमें आर्टिकल 370, राम मंदिर, तीन तलाक, जैसे कई वादे तो सामने से पूरे होते नजर आए हैं.
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