पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव : एबीवीपी और एनएसयूआई के बीच कड़ा मुकाबला, जन सुराज ने एनएसयूआई को दिया समर्थन

पटना, 28 मार्च . पटना विश्वविद्यालय में शनिवार को छात्र संघ चुनाव होने जा रहे हैं, जिसमें विभिन्न छात्र संगठन अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रहे हैं. मुख्य मुकाबला अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के बीच है. वोटिंग शनिवार को होगी, और उसी दिन रात में वोटों की गिनती भी शुरू कर दी जाएगी.

इस चुनाव में जन सुराज पार्टी ने भी अपनी ओर से एक उम्मीदवार उतारा था, लेकिन आखिरी वक्त में उसने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली और बिना शर्त एनएसयूआई को समर्थन देने का ऐलान किया.

पटना विश्वविद्यालय में कुल 12 कॉलेज हैं और यहां वोटरों की संख्या 20 हजार के करीब है.

एबीवीपी की अध्यक्ष पद की उम्मीदवार मैथिली मृणालिनी ने अपने समर्थकों से अधिक से अधिक मतदान की अपील की. उन्होंने कहा, “हम सभी छात्राओं और छात्रों से यह दरख्वास्त करते हैं कि इस बार मतदान में भाग लें. यह लोकतंत्र का पहला कदम है और इस चुनाव के जरिए हम विश्वविद्यालय की गरिमा को पुनः स्थापित करने का प्रयास करेंगे. हम अपने तन और मन के साथ इस विश्वविद्यालय के विकास में योगदान देना चाहते हैं.”

मैथिली मृणालिनी ने अपने उम्मीदवार होने पर भी कुछ मजेदार अंदाज में कहा, “मैं खुद हो जाऊंगी बदनाम, पहले मेरा नाम तो होने दो.”

वहीं, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने छात्र संघ चुनाव से संबंधित हालिया घटनाओं पर आरोप लगाया कि कुछ लोग एबीवीपी के बढ़ते प्रभाव से डरकर संगठन को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “जो लोग पुलिस द्वारा उठाए गए हैं, उनका एबीवीपी से कोई संबंध नहीं है. पुलिस ने जिन लोगों को पकड़ा है, उनके बैकग्राउंड की जांच कीजिए. एबीवीपी के किसी भी कार्यकर्ता का इन घटनाओं से कोई लेना-देना नहीं है. यह केवल झूठ फैलाने की कोशिश की जा रही है.”

सोलंकी ने यह भी कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में एबीवीपी का नाम गलत तरीके से लिया गया है और अगर कोई प्रमाण है तो उसे सामने लाया जाए. उन्होंने कहा कि उनका संगठन पूरी तरह से चुनावी प्रक्रिया में निष्पक्ष है और उसका उद्देश्य छात्रों के बीच बेहतर स्वीकार्यता और एकता को बढ़ावा देना है.

पीएसएम/एकेजे