सार्वजनिक क्षेत्र के कोयला उपक्रमों ने अपने गैर-कार्यकारी कर्मचारियों के लिए परफॉर्मेंस-लिंक्ड रिवॉर्ड की घोषणा की

New Delhi, 26 सितंबर . कोयला मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के कोयला उपक्रमों ने Friday को एक आधिकारिक बयान में जानकारी देते हुए बताया कि उनके गैर-कार्यकारी कर्मचारियों के लिए 1,03,000 रुपए का परफॉर्मेंस-लिंक्ड रिवॉर्ड (पीएलआर) घोषित किया गया है.

बयान के अनुसार, इस रिवॉर्ड से कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) और सीआईएल की सहायक कंपनियों के लगभग 2.1 लाख गैर-कार्यकारी कर्मचारियों और सिंगरेनी कोलियरिज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) के लगभग 38,000 गैर-कार्यकारी कर्मचारियों को फायदा होगा.

पीएलआर का कुल वित्तीय प्रभाव कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के लिए 2153.82 करोड़ रुपए और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) के लिए 380 करोड़ रुपए होगा. राशि उपस्थिति के आधार पर प्रो-रेटा के हिसाब से जमा की जाएगी.

कोयला मंत्रालय के अनुसार, इस पीएलआर का उद्देश्य सीआईएल की सभी सहायक कंपनियों और एससीसीएल के गैर-कार्यकारी कर्मचारियों के योगदान और कड़ी मेहनत को मान्यता देना है. साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि उन्हें उनके प्रयासों के लिए उचित पुरस्कार मिले.

पीएलआर का भुगतान फेस्टिव सीजन में कर्मचारियों और उनके परिवारों को समय पर मदद करता है.

परफॉर्मेंस-लिंक्ड रिवॉर्ड सीआईएल और कोयला मंत्रालय की श्रमिक कल्याण, प्रेरणा और ठेकेदारों के योगदान को मान्यता देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

मंत्रालय का कहना है कि पीएलआर प्रदान कर कोल इंडिया का उद्देश्य गैर-कार्यकारी कर्मचारियों के बीच उत्पादकता, मनोबल और नौकरी की संतुष्टि को बढ़ावा देना है. ये कर्मचारी कंपनी के खनन कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और आत्मनिर्भर India के निर्माण में अहम योगदान देते हैं.

हाल के GST सुधारों के तहत कोयले पर पहले लगाए गए 400 रुपए प्रति टन क्षतिपूर्ति उपकर को समाप्त कर दिया है, जो निम्न-गुणवत्ता और कम कीमत वाले कोयले पर असमान रूप से प्रभाव डालता था. साथ ही, कोयले पर GST दर को पहले के 5 प्रतिशत से बढ़ाकर अब 18 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे इंवर्टेड ड्यूटी विसंगति को दूर करने में मदद मिली है.

कोयला मंत्रालय के अनुसार, सभी कोयला श्रेणियों में GST को रेशनलाइज बनाने से न्यायसंगत व्यवहार सुनिश्चित होगा.

मंत्रालय का GST को लेकर कहना है कि दर में 5 प्रतिशत से 18 प्रतिशत तक की वृद्धि के बावजूद, सुधारों का प्रभाव यह है कि अंतिम उपभोक्ताओं के लिए कर भार कम होगा. इंवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर में सुधार होगा, जिससे लिक्विडिटी बढ़ेगी, विकृतियां दूर होंगी तथा कोयला उत्पादकों के लिए घाटे को रोका जा सकेगा.

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