मुंबई: राज ठाकरे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका, गैर-मराठी नागरिकों पर हमलों को लेकर कार्रवाई की मांग

New Delhi, 19 जुलाई . महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) सुप्रीमो राज ठाकरे के खिलाफ Supreme court में एक जनहित याचिका दायर की गई है. अधिवक्ता घनश्याम उपाध्याय ने यह याचिका दाखिल की है, जिसमें राज ठाकरे और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की गई है.

याचिकाकर्ता घनश्याम उपाध्याय ने बताया कि इससे पहले उन्होंने हिंदी भाषा के मुद्दे पर गैर-मराठी नागरिकों पर हो रहे हमलों के खिलाफ अधिकारियों को शिकायत भेजी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. उपाध्याय का कहना है कि अधिकारियों से कई बार शिकायत करने के बावजूद राज ठाकरे और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कोई First Information Report दर्ज नहीं की गई, जिसके चलते उन्हें अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा.

याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज ठाकरे ने मराठी भाषा के नाम पर गैर मराठी नागरिकों पर हमलों को उचित ठहराने की कोशिश की है. याचिका में राज ठाकरे, उनके चचेरे भाई और शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे की ओर से 5 जुलाई को आयोजित विजय रैली का हवाला देते हुए दावा किया गया है कि राज ठाकरे ने मराठी न बोलने वालों की पिटाई को उचित ठहराया था

याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि राज ठाकरे ने मराठी भाषा के मुद्दे को राजनीतिक फायदे के लिए उछाला है, ताकि आगामी बीएमसी चुनावों में इसका लाभ उठाया जा सके.

बता दें कि Mumbai में मराठी बनाम हिंदी भाषा का विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. राज ठाकरे के समर्थकों की ओर से गैर-मराठी भाषियों की पिटाई के कई मामले सामने आए हैं. हाल ही में शराब के नशे में मनसे नेता के बेटे ने इन्फ्लुएंसर राजश्री मोरे के साथ बदसलूकी की थी. इससे पहले, मराठी ने बोलने के कारण दुकानदार की पीटाई की थी. पीटाई करने वाले लोगों ने अपने गले में राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) से जुड़े स्कार्फ पहने रखे थे.

पीएसके