जनता का मताधिकार और संविधान खतरे में है : दीपांकर भट्टाचार्य

New Delhi, 16 अगस्त . भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने Saturday को कहा कि आज की तारीख में मताधिकार और संविधान खतरे में है. यह मताधिकार हमें संविधान से ही मिला था. लेकिन, अफसोस की बात है कि यह संविधान खतरे में है.

उन्होंने से बातचीत में कहा कि अभी हमारा पूरा ध्यान बिहार चुनाव पर केंद्रित है. पिछले 20 सालों से यह Government सत्ता में है. बिहार में जनता का जीना मुहाल हो चुका है. दुर्भाग्य देखिए कि Government को इससे कोई लेना-देना नहीं है. पिछले पांच सालों से यह Government जनता के ऊपर बोझ बनी हुई है. ऐसी स्थिति में जनता ने इस Government को सत्ता से बेदखल करने का पूरा मन बना लिया है. आने वाले दिनों में हमें बिहार में बड़े Political बदलाव देखने को मिलेंगे.

उन्होंने कहा कि जब आजादी को इतने साल हो चुके हैं कि विभाजन पर किसी भी प्रकार की चर्चा न ही की जाए, तो बेहतर रहेगा. लेकिन, यह बात समझ से परे है कि आजादी के इतने साल के बाद अब मीडिया में यह चर्चा शुरू हो रही है कि विभाजन का उद्देश्य पूरा नहीं हुआ है. आखिर यह सब क्या हो रहा है. मेरा सीधा सा सवाल है कि आखिर अब विभाजन पर चर्चा करके क्या मिलेगा.

उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि जैसे अपने विभाजन के अधूरे मकसद पूरा करने के लिए Government पूरा प्लान कर रही है. शायद यही कारण है कि Prime Minister ने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का जिक्र किया. अगर केंद्र Government विभाजन का जिक्र अब कर रही है, तो निश्चित तौर पर इसके पीछे कई दूसरे बड़े संकेत हो सकते हैं.

उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की कोई भूमिका नहीं थी. लेकिन, इस संगठन का विभाजन की त्रासदी पैदा करने में बड़ा रोल था.

एसएचके/एबीएम