नई दिल्ली, 21 अप्रैल . इस वर्ष, “प्रमुख स्वामी महाराज शताब्दी महोत्सव: डिजाइन ऑफ ए मेगा प्रोजेक्ट” शीर्षक वाली केस स्टडी को प्रतिष्ठित फिलिप थॉमस मेमोरियल केस अवार्ड से सम्मानित किया गया है. यह पुरस्कार पिछले वर्ष आईआईएमए केस सेंटर में पंजीकृत सर्वश्रेष्ठ केस स्टडी को प्रदान किया जाता है.
भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) अहमदाबाद में केस स्टडीज छात्रों के लिए सबसे प्रभावी शिक्षण विधियों में से एक हैं. प्रोफेसर विभिन्न विषयों पर केस स्टडीज तैयार करते हैं, जिनकी प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष के अंत में एक चयन समिति द्वारा गहन समीक्षा की जाती है. कई महत्वपूर्ण मानदंडों के आधार पर सबसे उत्कृष्ट केस स्टडी का चयन किया जाता है.
“प्रमुख स्वामी महाराज शताब्दी महोत्सव: डिजाइन ऑफ ए मेगा प्रोजेक्ट” केस स्टडी को तैयार करने वाले लोगों में प्रोफेसर सरल मुखर्जी और प्रोफेसर चेतन सोमन शामिल थे. इसमें राशिद के. खधेर रिसर्च एसोसिएट थे और मनन गांधी द्वारा रिसर्च सहायता दी गई.
प्रमुख स्वामी महाराज (1921-2016) की शताब्दी समारोह को बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) द्वारा भव्य पैमाने पर आयोजित किया गया था. इस शताब्दी महोत्सव ने परियोजना प्रबंधन की दृष्टि से भी कई महत्त्वपूर्ण सीखें प्रदान कीं. इस आयोजन में 1.21 करोड़ से अधिक लोगों ने सहभागिता की, जो इसके व्यापक स्तर और सफल निष्पादन का प्रमाण है.
पीएसएम100 अपने दायरे में विशाल था, लेकिन इसका निष्पादन बहुत बारीकी और सावधानी से किया गया. इतने विशाल आयोजन को सुचारू रूप से संचालित करने में तकनीक की अत्यंत महत्त्वपूर्ण भूमिका रही और इसके अच्छे डिजाइन ने भी इसमें काफी मदद की. यह समग्र आयोजन यह दर्शाता है कि कैसे कोई मेगा प्रोजेक्ट अपनी गुणवत्ता और स्थिरता से समझौता किए बिना स्थायित्व को बनाए रख सकता है.
बीएपीएस की कार्यशैली में एक निरंतर प्रयोग करने और सीखने की प्रवृत्ति दिखाई देती है. यह नवाचार और ज्ञान-संवर्धन की संस्कृति ही है, जो उन्हें एक इवेंट से दूसरे इवेंट तक आयोजन के प्रबंधन को पहले से बेहतर बनाने में मदद करती है.
“प्रमुख स्वामी महाराज शताब्दी महोत्सव” केस स्टडी न केवल एक मेगा प्रोजेक्ट के सफल प्रबंधन का उदाहरण प्रस्तुत करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे तकनीक, किफायती दृष्टिकोण और निरंतर सीखने की प्रक्रिया किसी आयोजन को ऐतिहासिक बना सकती है.
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