तेलंगाना : किसानों को पूरी गारंटी देने की मांग पर केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी का विरोध-प्रदर्शन

हैदराबाद, 15 अप्रैल . केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री और भाजपा की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष जी. किशन रेड्डी किसानों से किए गए वादों को पूरा करने में कांग्रेस सरकार की ‘विफलता’ को लेकर सोमवार को यहां पार्टी कार्यालय में धरने पर बैठ गए.

सरकार से उन किसानों को 25 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने की मांग करते हुए, जिनकी फसलें सिंचाई का पानी नहीं मिलने के कारण सूख गई थीं, किशन रेड्डी राज्य भाजपा मुख्यालय में ‘रायथु दीक्षा’ विरोध-प्रदर्शन पर बैठ गये.

भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने किसानों को दी गई एक भी गारंटी लागू नहीं की है. चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस नेताओं ने दो लाख रुपये तक के कृषि ऋण माफ करने का वादा किया था, लेकिन सत्ता में आने के चार महीने बाद भी वह वादा पूरा करने में विफल रही है.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने वादा किया था कि 9 दिसंबर को नए कृषि ऋण माफ कर दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि “उनकी बात पर विश्वास करते हुए, किसानों ने ऋण लिया था. उन्हें यह बताना चाहिए कि कृषि ऋण माफ क्यों नहीं किए गए”. बैंक किसानों को ऋण मंजूर नहीं कर रहे हैं.

किशन रेड्डी ने यह भी मांग की कि सरकार चुनाव के दौरान किए गए वादे के अनुसार किसानों को तुरंत 15 हजार रुपये प्रति एकड़ निवेश सहायता प्रदान करे.

उन्होंने कृषि मजदूरों को हर साल 12 हजार रुपये और प्रति क्विंटल धान पर 500 रुपये बोनस देने की गारंटी लागू करने की भी मांग की.

उन्होंने कहा, ”लोग पूछ रहे हैं कि यह सरकार गारंटी लागू क्यों नहीं कर रही है.” उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या उसके पास किसानों को दी गई गारंटी लागू करने की कोई ठोस योजना है.

भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि बीआरएस ने तेलंगाना के लोगों की पीठ में छुरा घोंपा था, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने उन्हें एक बार और धोखा दिया है. उन्होंने कहा, “लोग बदलाव चाहते थे, लेकिन कोई बदलाव नहीं आया. केसीआर परिवार को हटा दिया गया लेकिन सोनिया का परिवार सत्ता में आ गया.”

किशन रेड्डी ने कहा कि फसल के समय किसानों के हाथ में पैसा नहीं होता है. उन्होंने यह भी दावा किया कि सरकार किसानों से कृषि उपज खरीदने के प्रति ईमानदार नहीं है.

उन्होंने टिप्पणी की कि कांग्रेस नेताओं के पास तेलंगाना में धन इकट्ठा करने और दिल्ली में पार्टी नेतृत्व को देने के लिए समय है, लेकिन गारंटी को लागू करने के लिए समय नहीं है. उन्होंने कहा, “उन्होंने 100 दिन में गारंटी लागू करने का वादा किया था लेकिन ऐसा करने में विफल रहे.”

उन्होंने कहा कि अगर सरकार गारंटी लागू करने के प्रति ईमानदार है तो उसे एक योजना बनानी चाहिए और लोगों को यह भी बताना चाहिए कि वह इन्हें लागू करने के लिए धन कैसे जुटाना चाहती है.

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