गांधीनगर, 10 दिसंबर . गुजरात के अहमदाबाद में रिवर फ्रंट पर हिंदू सेना सहित तमाम हिंदू संगठनों ने मंगलवार को मानव श्रृंखला बनाकर बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा पर अपना रोष प्रकट किया.
इस बीच कई प्रदर्शकारियों ने से बातचीत की. भाजपा विधायक अमित ठाकर ने कहा, “नाराजगी की नहीं, बल्कि अधिकार की है. हमारा सवाल यह है कि पूरे विश्व में हिंदुओं के मानव अधिकार नहीं हैं क्या? मानवाधिकार की बात करने वाले लोग बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर चुप क्यों हैं. विश्व में यूएन (संयुक्त राष्ट्र) की स्थापना इसलिए हुई है कि अगर कहीं पर भी किसी के साथ मानव अधिकार का उल्लंघन हो, तो उसके खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की जा सके. लेकिन, हमारा सवाल यह है कि आज जब बांग्लादेश में इतना बड़ा नरसंहार हो रहा है, तो यूएन चुप क्यों है? विश्व के अंदर जो सत्ताएं हैं, वे आखिर बांग्लादेश में अपना प्रभाव क्यों नहीं डाल पा रही हैं.”
उन्होंने कहा, “आज मानव अधिकार दिवस है, तो मैं इस बात पर बल देना चाहता हूं कि मानव अधिकार हिंदुओं के भी हैं. हिंदू हित रक्षा समिति के बैनर तले हम सभी लोग इसलिए सड़क पर आए हैं, ताकि बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचार को लेकर अपना रोष जाहिर किया जा सके, ताकि हिंदुओं की रक्षा सुनिश्चित हो सके.”
प्रदर्शनकारी पराग नायक ने कहा, “बांग्लादेश की समस्या सिर्फ हिंदुओं की समस्या नहीं है, बल्कि पूरे विश्व में इसी तरह लोगों को जिहादी तंग कर रहे हैं. यह सिर्फ हिंदू या सनातन की समस्या नहीं है, पूरे विश्व की समस्या है. हम सभी को मिलकर इस पर ध्यान देना होगा. तभी जाकर समााधान का रास्ता तैयार होगा.”
प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले कमल रावत ने कहा, “प्रदर्शन करने का कारण यही था कि हिंदू एकजुट रहें. अगर लड़ने की बात है, तो लड़ाई होनी चाहिए. बांग्लादेश हमारा दुश्मन है, इसलिए हमारे हिंदू भाइयों को मारा जा रहा है. वहां उनके धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया जा रहा है. हमारे संतों को गिरफ्तार किया जा रहा है. अगर बांग्लादेश हमारा मित्र होता, तो वहां पर हमारे हिंदू भाइयों को नहीं मारा जाता. हमारे संतों को गिरफ्तार नहीं किया जाता. जिस तरह से बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ व्यवहार हो रहे हैं, उससे यह साफ जाहिर हो चुका है कि बांग्लादेश हमारा दुश्मन है. अगर हम इसी तरह से चले, तो स्थिति और ज्यादा खराब होगी. अब हमारे पास लड़ने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है. अब क्रांति का समय आ चुका है.”
उन्होंने कहा, “अब आप मुझे बताइए कि भारत में भी हिंदू सुरक्षित नहीं हैं. हिंदुओं को हर जगह परेशान किया जा रहा है. हमारी परिस्थितियां खराब है. दुख की बात यह है कि हम लड़ने के मूड में नहीं हैं. एक छोटा-सा देश हमें डरा रहा है. मुझे लगता है कि अब डरने की आवश्यकता नहीं है. अब लड़ने का समय आ चुका है.”
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एसएचके/एकेजे