राजेंद्र नगर की घटना पर भाजपा पार्षदों का विरोध-प्रदर्शन; सीएम, मेयर के इस्तीफे की मांग

नई दिल्ली, 29 जुलाई . दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने और उसमें डूबकर यूपीएससी की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की मौत के बाद सियासत तेज हो गई है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मेयर शैली ओबेरॉय के इस्तीफे की मांग को लेकर भाजपा पार्षदों ने सोमवार को विरोध-प्रदर्शन किया.

दिल्ली नगर निगम में विपक्ष के नेता राजा इकबाल सिंह का कहना है कि यह हादसा नहीं हत्या है. यदि अधिकारी उनकी नहीं सुनते तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.

उन्होंने कहा, “एमसीडी में 15 साल भाजपा ने शासन किया, लेकिन आज तक ऐसी घटना नहीं घटी. हमने इस दौरान अच्छी नियत से जनता की सेवा की और भगवान ने हमारा साथ दिया. इन लोगों की सोच चोरी करने की रही है. इन्होंने आज तक कोई काम नहीं किया. इसकी वजह से दिल्ली की जनता परेशान हो रही है. आज आप दिल्ली की किसी भी गली में चले जाइये, हर जगह जलभराव है.”

उन्होंने कहा कि दिल्ली के नाली और नाले गंदे होने के साथ कूड़े की भी भरमार है. नगर निगम और दिल्ली की केजरीवाल सरकार अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही है. कोई काम नहीं होने का खामियाजा राज्य की जनता भुगत रही है. नैतिकता के आधार पर सीएम केजरीवाल और मेयर को इस्तीफे की पेशकश करनी चाहिए. उनसे दिल्ली की व्यवस्था नहीं संभल रही है.

उत्तर-पश्चिमी दिल्ली से सांसद योगेंद्र चंदोलिया ने भी केजरीवाल सरकार पर हमला बोला. उन्होंने बर्खास्तगी की मांग उठाते हुए कहा, “भाजपा की मांग है कि दिल्ली सरकार को तुरंत बर्खास्त किया जाए. आम आदमी पार्टी का कहना है कि राजेंद्र नगर की घटना एक त्रासदी है. लेकिन, यह त्रासदी नहीं, हत्या है. दुर्गेश पाठक जो पूरे निगम के भीष्म पितामह बने हुए हैं. उनकी पार्षद ने राजेंद्र नगर में भ्रष्टाचार किया है.”

उन्होंने दिल्ली सरकार और एमसीडी पर आरोप लगाते हुए कहा, “बारिश से पहले नालों की सफाई नहीं की गई और इसका खामियाजा बच्चों को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा है. राजेंद्र नगर में बच्चों के साथ हादसा नहीं बल्कि उनकी हत्या हुई है. दिल्ली में सड़कों की सफाई की जिम्मेदारी एमसीडी की है, एलजी की नहीं.”

एकेएस/एकेजे