लखनऊ, 19 जून . Chief Minister योगी आदित्यनाथ ने Thursday को लोक निर्माण विभाग की प्रमुख योजनाओं की प्रगति और आगामी कार्ययोजना को लेकर एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की. इस वर्चुअल बैठक में विभागीय अधिकारी, सभी 75 जिलों के जिलाधिकारी, विभिन्न 403 विधानसभा क्षेत्रों के जनप्रतिनिधि और संबंधित अधिकारी शामिल हुए.
बैठक में Chief Minister ने स्पष्ट निर्देश दिए कि लोक निर्माण विभाग की 18 प्रमुख योजनाओं के अंतर्गत सभी जिलों से 30 जून तक प्रस्ताव अनिवार्य रूप से प्राप्त हो जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी स्थानीय जनप्रतिनिधियों से समन्वय स्थापित करते हुए, स्थानीय आवश्यकता के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण प्रस्ताव तैयार करें और समयसीमा के भीतर भेजें.
Chief Minister ने कहा, “विकास का लाभ राजनीतिक सीमा से नहीं, स्थानीय ज़रूरतों के आधार पर तय किया जाए.” उन्होंने सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में 2-3 योजनाओं का प्रत्यक्ष लाभ सुनिश्चित करने को कहा.
Chief Minister ने धार्मिक पर्यटन को स्थानीय अर्थव्यवस्था से जोड़ने की दिशा में अहम निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष प्रदेश के शीर्ष 50 धार्मिक स्थलों का चयन उनकी ऐतिहासिकता, महत्ता और श्रद्धालुओं की संख्या के आधार पर किया जाए और इन स्थलों को जोड़ने वाले सड़क मार्गों का सुदृढ़ीकरण प्राथमिकता पर हो.
Chief Minister ने कहा कि पूर्वांचल, आगरा, यमुना, बुंदेलखंड और गंगा एक्सप्रेसवे ने पूर्व-पश्चिम दिशा में राज्य को जोड़ा है, अब समय आ गया है कि उत्तर और दक्षिण जिलों को भी एकीकृत किया जाए, जिससे आंतरिक समरसता और गति को बढ़ावा मिले.
Chief Minister ने कहा कि राज्य में कहीं भी सड़कों पर गड्ढे नहीं दिखने चाहिए. ओवरस्पीडिंग और क्षतिग्रस्त सड़कें दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण हैं, इसलिए डार्क स्पॉट चिन्हित कर वहां टेबल टॉप स्पीड ब्रेकर लगाए जाएं. उन्होंने बाढ़ और जलभराव प्रभावित क्षेत्रों के लिए पूर्व-तैयारी की रणनीति अपनाने को कहा ताकि बरसात के बाद तुरंत कार्य शुरू हो सके.
Chief Minister ने प्रत्येक जिले में एक नोडल अधिकारी नामित करने और साप्ताहिक समीक्षा की व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया. साथ ही मासिक और द्वैमासिक बैठकों में जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति अनिवार्य करने को कहा.
Chief Minister ने निर्देश दिए कि दागी और संदिग्ध ठेकेदारों की पहचान कर उनके खिलाफ जांच व कार्रवाई सुनिश्चित की जाए. उन्होंने कहा कि “ईमानदारी, पारदर्शिता और जनभागीदारी ही टिकाऊ विकास की बुनियाद है.”
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डीएससी/