नई दिल्ली, 29 जून . अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत में सामाजिक सुरक्षा कवरेज में पिछले एक दशक में उल्लेखनीय प्रगति हुई है. साल 2015 में जहां यह कवरेज मात्र 19 प्रतिशत था, वहीं 2025 तक यह 64.3 प्रतिशत पर पहुंच गया है. यह 45 प्रतिशत अंकों की वृद्धि देश की सामाजिक प्रगति का प्रमाण है.
इस उपलब्धि पर अयोध्या के प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत राजू दास जी महाराज ने कहा, “पवन पुत्र हनुमान जी महाराज की तरह, जो संकटों का हरण करते हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सनातन संस्कृति का परचम विश्व में लहरा रहा है. एक समय था जब सामाजिक सुरक्षा के मामले में भारत पिछड़ा था, लेकिन आज यह दुनिया में दूसरे स्थान पर है. यह सनातन संस्कृति और इसके संरक्षक प्रधानमंत्री मोदी की दृढ़ इच्छाशक्ति का परिणाम है.”
उन्होंने कहा, “पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने न केवल सामाजिक सुरक्षा में प्रगति की है, बल्कि बेरोजगारी और भुखमरी को कम करने में भी सफलता हासिल की है. भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज की है. इसका एक उदाहरण है कि भारतीय सेना ने 40 मिनट के भीतर पाकिस्तान को जवाब देकर उसकी स्थिति कमजोर की, जबकि भारत को कोई नुकसान नहीं हुआ. यह भारत की सशक्त नीतियों और नेतृत्व का प्रमाण है. भारत पूरे विश्व को एक दशा और दिशा देने की ओर कदम बढ़ा रहा है. पीएम मोदी पूरे विश्व पटल पर भारत को स्थापित करना चाहते हैं. इस उपलब्धि ने भारत को वैश्विक मंच पर एक नई पहचान दिलाई है. सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में यह प्रगति देश के नागरिकों के लिए बेहतर जीवन स्तर सुनिश्चित करती है.”
महंत राजू दास ने कहा कि इटावा में उस कथा वाचक के साथ जो घटना घटी, वह दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है. किसी को भी किसी के बाल काटने या सिर मुंडवाने जैसी किसी भी तरह की जबरदस्ती करने का अधिकार नहीं है. अगर किसी ने तिलक लगाया है, धार्मिक वस्त्र पहने हैं, या गले में कंठी या माला पहनी है, तो वह संत या साधु है. इस तरह का व्यवहार गलत है और इसे जायज नहीं ठहराया जा सकता.
सामाजिक सुरक्षा कवरेज में प्रगति भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो देश की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं, जैसे आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, और अटल पेंशन योजना जैसे कार्यक्रमों की सफलता को दर्शाती है. इन योजनाओं ने गरीब और कमजोर वर्गों तक स्वास्थ्य बीमा और पेंशन सुविधाएं पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. विशेषज्ञों का मानना है कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में डिजिटल तकनीक और आधार कार्ड जैसी पहल ने इन योजनाओं के कार्यान्वयन को और प्रभावी बनाया है.
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एकेएस/एकेजे