ऊटी (तमिलनाडु), 27 अप्रैल . आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी) प्राप्त करने की मोदी सरकार की प्रतिबद्धता का आधार बन गई है. इस योजना ने कई ‘स्वयंसेवकों’ को आम जनता के बीच इस गेमचेंजर योजना के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए प्रेरित किया है, विशेष रूप से उन लोगों के बीच जो इसके दायरे से बाहर रह गए हैं.
तमिलनाडु के ऊटी में प्रोफेसर डॉ. उमा मल्लेन ने ग्रामीणों को आयुष्मान भारत कार्ड के लिए नामांकन कराने हेतु शिक्षित करने और प्रोत्साहित करने की पहल की है, ताकि वे इस योजना के पंजीकृत लाभार्थी बन सकें.
नीलगिरि जिले में घर-घर जाकर मेडिकल बीमा कार्ड के बारे में शिक्षित करने के लिए लोगों से उन्हें प्रशंसा और सराहना भी मिल रही है. योजना के तहत प्रत्येक पात्र परिवार को सालाना पांच लाख रुपए का कवर मिलता है.
नीलगिरि एक पहाड़ी क्षेत्र है, जहां कई गांव ऐसे हैं, जहां बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. राइज फाउंडेशन की संस्थापक अध्यक्ष डॉ. उमा मल्लेन ने लोगों के बीच सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को बढ़ावा देने का बीड़ा उठाया है. उनका फाउंडेशन लोगों को केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी देता है, मेडिकल बीमा कार्ड वितरित करता है और स्कूली छात्रों के लिए मुद्रा बैंक ऋण और शैक्षिक ऋण के बारे में जागरूकता भी पैदा करता है. वह केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए नीलगिरि जिले के आदिवासी गांवों का दौरा भी करती हैं.
प्रोफेसर मल्लेन ग्रामीणों को पौधे बांटकर पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दे रही हैं और उन्हें ‘एक पेड़ मां के नाम’ के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं. वह केंद्र सरकार की 100 दिवसीय रोजगार योजना के बारे में भी जागरूकता फैला रही हैं, जिसका उद्देश्य ग्रामीण लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करना और जल संसाधनों में सुधार करना है.
उल्लेखनीय है कि आयुष्मान भारत योजना 23 सितंबर 2018 को मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई थी. 12 करोड़ से अधिक परिवारों या लगभग 55 करोड़ व्यक्तियों को कवर करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ, पीएम-जेएवाई दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना बन गई है, जो प्रति परिवार सालाना पांच लाख रुपए तक का कवर प्रदान करती है. इसके तहत सरकारी के साथ निजी अस्पताल भी शामिल हैं.
–
एकेएस/एकेजे