नई दिल्ली, 7 मई . प्राइवेट इक्विटी (पीई) निवेश अप्रैल में मजबूत रहा है और इस दौरान कुल 139 डील हुई हैं. यह जानकारी बुधवार को जारी हुई रिपोर्ट में दी गई.
ग्रांट थॉर्नटन भारत डीलट्रैकर के अनुसार, पिछले महीने की दो डील के विपरीत इस महीने कोई भी बिलियन डॉलर की डील नहीं हुई है. हालांकि, निवेशकों की रुचि मजबूत बनी रही.
बीते महीने छह उच्च-मूल्य वाले (100 मिलियन डॉलर से 999 मिलियन डॉलर के बीच) लेनदेन हुए. इसकी कुल वैल्यू 2.1 बिलियन डॉलर रही.
सबसे बड़ी डील वारबर्ग पिंकस और अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी का आईडीएफसी फर्स्ट बैंक में 862 मिलियन डॉलर का निवेश था.
ग्रांट थॉर्नटन भारत में पार्टनर शांति विजेता ने कहा, “डील्स की संख्या स्थिर बनी रही, लेकिन एमएंडए और पीई वैल्यू में तेज गिरावट निवेशकों की बड़ी हिस्सेदारी खरीदने की बढ़ती सतर्कता को दर्शाती है. क्रॉस बॉर्डर डील में कमी आई है, लेकिन घरेलू विलय और अधिग्रहण (एमएंडए) और पीई/वीसी गतिविधि स्थिर है.”
रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रोथ और अच्छे वित्तीय प्रदर्शन के लिए प्राइवेट इक्विटी और वेंचर कैपिटल शुरुआती चरण के निवेश पर फोकस कर रहे हैं.
मार्च में आईपीओ गतिविधि में सुस्ती के बाद अप्रैल 2025 में मामूली सुधार देखा गया.
अप्रैल में पांच क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) डील दर्ज की गई, जिनका कुल मूल्य 705 मिलियन डॉलर था.
बैंकिंग और एनबीएफसी क्षेत्र ने इस क्षेत्र में अपना वर्चस्व कायम रखा और चार लेनदेन के माध्यम से 686 मिलियन डॉलर जुटाकर कुल क्यूआईपी मूल्य में 80 प्रतिशत का योगदान दिया.
अप्रैल 2025 में सेक्टर के रुझानों में वृद्धि और मंदी का मिश्रण दिखाई दिया. बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं ने मूल्य में बढ़त हासिल की और अप्रैल के कुल डील मूल्य में 28 प्रतिशत का योगदान दिया, जबकि फिनटेक ने 52 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ सेक्टर वॉल्यूम पर अपना दबदबा बनाया.
खुदरा और उपभोक्ता क्षेत्र की कुल डील वॉल्यूम में 23 प्रतिशत की हिस्सेदारी रही. इंफ्रास्ट्रक्चर डील की वॉल्यूम में 40 प्रतिशत की वृद्धि और मूल्य में 261 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई.
रिपोर्ट में कहा गया है कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की गतिविधियां मासिक आधार पर दोगुनी हो गई हैं और अप्रैल में इस सेक्टर में 15 डील दर्ज की गई हैं और इनकी वैल्यू 503 मिलियन डॉलर रही.
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एबीएस/