भारत में वित्त वर्ष 25 में ग्रामीण मांग बढ़ने के कारण निजी खपत बढ़ेगा

नई दिल्ली, 11 जुलाई ग्रामीण मांग में रिकवरी, सामान्य मानसून और कम होती महंगाई के कारण भारत में चालू वित्त वर्ष में निजी खपत बढ़ सकता है. एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई.

इंडिया रेटिंग्स और रिसर्च की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया कि निजी खपत में बढ़ोतरी होने से बैलेंस्ड ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा और प्रीमियम एवं वैल्यू सेगमेंट में अंतर कम होगा.

रिपोर्ट में कहा गया कि शहरी मांग में बढ़त जारी रहेगी, लेकिन इसकी गति धीमी होगी.

इंडिया रेटिंग्स ने रिपोर्ट में आगे कहा कि वित्त वर्ष 25 में विकास में असमानता कम होगी. इसके कारण व्यापक स्तर पर विकास दिखेगा. पिछले कुछ वर्षों में ग्रामीण खपत में लगातार इजाफा देखा गया है.

ग्रामीण मांग में तेजी लौटने से और शहरी क्षेत्रों में निरंतर वृद्धि जारी रहने के कारण फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) सेक्टर की आय में ग्रोथ 7 से 9 प्रतिशत की रह सकती है.

क्रिसिल रेटिंग्स की ओर से 77 एफएमसीजी कंपनियों पर दी गई एक रिपोर्ट में कहा गया कि ग्रामीण ग्राहकों से वित्त वर्ष 25 में 6 से 7 प्रतिशत की वॉल्यूम ग्रोथ आ सकती है. बता दें, एफएमजीसी सेक्टर की कुल आय का 40 प्रतिशत हिस्सा ग्रामीण उपभोक्ताओं से आता है.

ग्रामीण खपत में बढ़त की वजह सामान्य मानसून और न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ने के कारण किसानों की आय में इजाफा होना है.

क्रिसिल ने रिपोर्ट में कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत सरकार ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर पर अधिक खर्च कर रही है. इससे ग्रामीण भारत के पास खर्च करने के लिए अधिक पैसे बच रहे हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, आय बढ़ने के कारण चालू वित्त वर्ष में शहरी क्षेत्रों में भी खपत में 7 से 8 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिल सकता है.

एबीएस/