नई दिल्ली, 8 जनवरी . मजबूत कृषि आय के चलते वित्त वर्ष 26 ग्रामीण आय को सपोर्ट मिलेगा और कम महंगाई एवं ब्याज दरों में कमी की संभावना के कारण परचेसिंग पावर में सुधार होगा. यह जानकारी बुधवार को जारी रिपोर्ट में दी गई.
चालू वित्त वर्ष में वास्तविक निजी उपभोग दर 7.3 प्रतिशत पर है, जो कि पिछले वित्त वर्ष में 4 प्रतिशत पर थी.
क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स की रिपोर्ट के अनुसार, “अच्छी बात यह है कि कुछ कारक जो अल्पावधि में उपभोग में सुधार का समर्थन करते हैं, वे भी सहायक बन गए हैं.”
इस वित्त वर्ष में सरकारी उपभोग व्यय में वृद्धि पिछले वित्त वर्ष के 2.5 प्रतिशत से बढ़कर 4.1 प्रतिशत हो गई, जिससे निजी उपभोग वृद्धि में सुधार को समर्थन मिला.
पिछले कुछ वित्त वर्षों में नरेगा, ग्रामीण सड़कों और आवास निर्माण जैसी कल्याणकारी योजनाओं पर सरकारी राजस्व व्यय ने रोजगार पैदा किया और ग्रामीण मांग को बढ़ावा दिया.
वित्त वर्ष 26 में निजी खपत को मजबूत बनाए रखने के लिए सरकारी खर्च रोजगार सृजन योजनाओं पर होना चाहिए.
इस वित्तीय वर्ष में दक्षिण-पश्चिम में अच्छी बारिश और खरीफ की अच्छी फसल के कारण कृषि अर्थव्यवस्था ने बेहतर प्रदर्शन किया. अच्छी मिट्टी की नमी और अच्छे जलाशय स्तर रबी की फसल को भी लाभ पहुंचा रहे हैं.
रिपोर्ट में कहा गया, “सरकार के पहले अग्रिम अनुमानों से पता चलता है कि इस वित्त वर्ष में कृषि जीवीए में 3.8 प्रतिशत की वृद्धि होगी, जो ग्रामीण आय और मांग को बढ़ावा देगा.”
रिपोर्ट के अनुसार, अगले वित्त वर्ष में यह मानते हुए कि हाल ही में शुरू हुआ ला नीना प्रभाव दक्षिण-पश्चिम मानसून पर सकारात्मक प्रभाव डालता है और मौसम में कम गड़बड़ी देखने को मिलती है. हम उम्मीद करते हैं कि कृषि उत्पादन और आय मजबूत रहेगी और ग्रामीण खपत को सपोर्ट करना जारी रखेगी.
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एबीएस/