अमरनाथ यात्रा से पहले बीएसएफ ने अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की चौकसी और सख्त की, पाक की साजिशों पर पैनी नजर

श्रीनगर, 28 जून . अमरनाथ यात्रा की शुरुआत का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, सुरक्षा एजेंसियों की चौकसी और तैयारियां तेज होती जा रही हैं. यात्रा शुरू होने में अब महज कुछ ही दिन बचे हैं, लेकिन इससे पहले ही सीमा पार से आतंकी साजिशों की आहट मिलने लगी है. इसी को देखते हुए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर निगरानी और कड़ी कर दी है, ताकि यात्रा के दौरान किसी भी साजिश को रोका जा सके.

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया. इस कायराना हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की निर्मम हत्या कर दी गई थी. इस घटना के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने बड़े पैमाने पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया. इस अभियान के तहत सीमा पार कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर ध्वस्त किया गया, जिससे पाकिस्तान बौखला गया है और लगातार नई साजिशें रचने में लगा हुआ है.

सुरक्षा एजेंसियों को इनपुट मिले हैं कि पाकिस्तान की ओर से अमरनाथ यात्रा को बाधित करने की साजिश रची जा रही है. आशंका जताई जा रही है कि आतंकवादी इस धार्मिक यात्रा को निशाना बना सकते हैं, जिससे सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सख्त कर दिया गया है. बीएसएफ ने भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चौकसी को पहले से कहीं अधिक कड़ा कर दिया है. अब सीमाओं पर न सिर्फ मानवीय बल तैनात किया गया है, बल्कि तकनीकी संसाधनों का भी पूरा इस्तेमाल हो रहा है.

मेटल डिटेक्टर और आधुनिक एंटी-टनल डिवाइस की मदद से सीमा पार से सुरंगों के जरिए घुसपैठ की संभावनाओं को खत्म करने की कोशिश की जा रही है. सीमा सुरक्षा बल अलग-अलग क्षेत्रों में तैनात किया गया है. बीएसएफ के जवान हर संदिग्ध गतिविधि पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं.

बता दें कि पवित्र अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू हो रही है. यात्रा को लेकर जम्मू-कश्मीर प्रशासन की तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं. श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड के अनुसार, इस साल यात्रा 3 जुलाई से शुरू होगी और 9 अगस्त तक चलेगी. रजिस्ट्रेशन के लिए अनिवार्य स्वास्थ्य प्रमाणपत्र (सीएचसी) और आधार कार्ड जैसे दस्तावेज जरूरी हैं. बोर्ड ने देशभर में 533 बैंक शाखाओं को पंजीकरण के लिए अधिकृत किया है.

पीएसके/डीएससी