मोतिहारी, 30 अप्रैल . शराबबंदी वाले राज्य बिहार में सभी सरकारी कर्मियों ने शराब का सेवन नहीं करने और इस कानून को लागू करने में अपनी सहभागिता निभाने की शपथ ली है. लेकिन, जब बिहार में शिक्षा का मंदिर कहे जाने वाले स्कूल में प्रधानाध्यापक ही शराब का सेवन कर पहुंचता हो, तो क्या कहा जाएगा.
ऐसा ही एक मामला बुधवार को पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) में सामने आया, जब एक सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक ही नशे की हालत में पाए गए. उन्हें बाद में गिरफ्तार कर लिया गया.
यह पूरा मामला मोतिहारी के कुड़वाचैनपुर थाना क्षेत्र के उत्क्रमित मध्य विद्यालय, खरुही का है, जहां विद्यालय के प्रधानाध्यापक रामसोगार्थ महतो शराब के नशे में धुत होकर लड़खड़ाते कदमों से विद्यालय पहुंच गए.
प्रधानाध्यापक के लड़खड़ाते कदमों को देखकर बच्चे भी सहम गए और इस दौरान विद्यालय के शिक्षक भी आश्चर्य में पड़ गए. बताया गया कि बच्चों ने इसकी सूचना अपने अभिभावकों को दी. तत्काल कई अभिभावक विद्यालय पहुंच गए और हंगामा करने लगे.
अभिभावकों ने विद्यालय पहुंचने के बाद इसकी सूचना कुड़वाचैनपुर थाने को दी. सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने नशे में धुत प्रधानाध्यापक को गिरफ्तार कर लिया और थाने ले गई.
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार प्रधानाध्यापक ढाका थाना क्षेत्र के विसंभरपुर का रहने वाला है. उसे मेडिकल जांच के लिए अस्पताल भेजा गया, जहां शराब पीने की पुष्टि हुई है.
इस घटना को लेकर उत्पाद अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है.
उल्लेखनीय है कि बिहार में शराबबंदी लागू है. यहां किसी भी प्रकार के शराब के सेवन और उसके क्रय, विक्रय और भंडारण पर भी प्रतिबंध है. लेकिन, बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद भी प्रदेश में कहीं न कहीं प्रतिदिन अवैध शराब की खेप पकड़ी जा रही है.
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एमएनपी/एबीएम