प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवकार महामंत्र दिवस में दिखाई गहरी आस्था, जैन समाज ने बताया गौरव का पल

मुंबई, 10 अप्रैल . दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित विश्व नवकार महामंत्र दिवस का आयोजन एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक अनुभव बन गया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति ने इस आयोजन को विशेष बना दिया. इस वैश्विक कार्यक्रम के जरिए 108 देशों से जुड़ाव हुआ और 1.5 करोड़ से अधिक लोगों ने इसे देखा.

जेआईटीओ महासचिव और लिबॉर्ड ग्रुप के चेयरमैन ललित कुमार डांगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का जैन धर्म के प्रति सम्मान और गहन ज्ञान प्रेरणादायक रहा. पीएम मोदी जैन संतों से वर्षों से संपर्क में रहे हैं. गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए वे लगातार जैन आयोजनों में भाग लेते रहे और संतों के साथ संवाद करते रहे.

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने विज्ञान भवन में जिस तरह अहिंसा, शांति और परोपकार जैसे जैन सिद्धांतों को समझाया, वह सभी के लिए प्रेरणादायक था. उन्होंने यह स्पष्ट किया कि जैन धर्म आज के समाज को दिशा देने में सक्षम है.

ललित कुमार डांगी ने पीएम मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा, “आज भारत, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत शांति और प्रगति का प्रतीक बन चुका है. उन्होंने मैन्युफैक्चरिंग, टेक्सटाइल, फार्मा, स्टील और इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में भारत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है. उनका उद्देश्य भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना है और वे उसमें सफल भी हो रहे हैं.”

वहीं वारी ग्रुप के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. हितेश दोशी ने भी इस अनुभव को अविस्मरणीय बताया. उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने आम व्यक्ति की तरह आकर हमारे साथ नवकार मंत्र का जाप किया, जिससे उनका धर्म के प्रति गहरा सम्मान स्पष्ट हुआ. उन्होंने न केवल मंत्र का अर्थ समझाया, बल्कि यह भी बताया कि इसे उन्होंने आत्मसात किया है. यह अनुभव शब्दों से परे था, यह महसूस किया गया, देखा गया और गहराई तक छुआ.”

उन्होंने कहा कि आयोजन की गरिमा में चार चांद लगाते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नवकार मंत्र केवल एक धार्मिक मंत्र नहीं, बल्कि आत्मिक शुद्धि, तनाव मुक्ति और सामाजिक एकता का प्रतीक है.

डॉ. दोशी ने आगे कहा कि पीएम मोदी की उपस्थिति में जो गरिमा और ऊर्जा महसूस हुई, वह अद्वितीय थी. उन्होंने कहा, “उनकी स्मरण शक्ति, ज्ञान और हर विषय में गहराई से जुड़ाव उन्हें एक असाधारण नेता बनाता है.”

डीएससी/जीकेटी