प्रधानमंत्री मोदी का तमिलनाडु के ऐतिहासिक चोलपुरम मंदिर में दौरा, स्थानीय लोग हुए भावुक

चेन्नई, 27 जुलाई . Prime Minister Narendra Modi ने Sunday को तमिलनाडु के अरियालुर जिले में स्थित प्रतिष्ठित गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर में दर्शन किए और चोल सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम की जयंती के अवसर पर पूजा-अर्चना की. राजेंद्र चोल प्रथम चोल साम्राज्य के महानतम शासकों में से एक थे, जिनके शासनकाल में साम्राज्य का विस्तार दक्षिण-पूर्व एशिया तक हुआ.

Prime Minister मोदी के गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर दौरे पर स्थानीय लोगों में भारी उत्साह देखा गया. लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया और चोल साम्राज्य के गौरव को पुनर्स्थापित करने के लिए उनका आभार भी व्यक्त किया. उनके दौरे के दौरान गंगईकोंडा चोलपुरम की सड़कें ‘मोदी मोदी’ के नारों से गूंज उठीं.

मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल एक महिला ने कहा, “हम यहां Prime Minister से मिलने आए हैं, जिन्होंने हमारे जिले में बड़ा विकास किया है. हमें उन्हें आदि तिरुवथिराई महोत्सव में भाग लेते हुए और उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलकर गर्व हो रहा है.”

एक कार्यकर्ता ने कहा, “हम तिरुविदैमरुदुर से Prime Minister को देखने आए हैं. देश के Prime Minister को इतने करीब देखकर हम बहुत खुश हैं. यह स्पष्ट है कि इस बार तमिलनाडु में Government बदलेगी.”

वंदावसी के एक अन्य पार्टी कार्यकर्ता ने कहा, “Prime Minister के गंगईकोंडा चोलपुरम दौरे ने लोगों में ऊर्जा भर दी है. जनता ने जिस तरीके से उनका स्वागत किया, वह रोमांचक था. Prime Minister मोदी यहां राजेंद्र चोल की महानता को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने आए थे. उन्होंने इस ग्रामीण क्षेत्र को विश्व स्तर पर एक विशेष स्थान दिलाया है और हर कोई इसे गर्व से देख रहा है.”

तंजावुर जिले के कुंभकोणम निवासी एक अन्य व्यक्ति ने कहा, “Prime Minister मोदी विश्व गुरु हैं. वह लोगों के लिए जीते हैं. उन्होंने अल्पसंख्यकों समेत समाज के हर वर्ग के लिए बहुत कुछ किया है. तमिलनाडु में कुछ नकारात्मक ताकतें उनके नाम को धूमिल करने की कोशिश करती हैं, लेकिन वे जनता के लिए समर्पित हैं.”

एक व्यक्ति ने कहा, “मैं Prime Minister मोदी की एक तस्वीर लाया हूं, जिसमें वे अपनी मां से आशीर्वाद लेते दिख रहे हैं. यह सचमुच उनकी मां का आशीर्वाद ही है, जो उन्हें इतनी समर्पित सेवा करने में मदद करता है. हम उनसे बहुत कुछ सीख सकते हैं. देश सिर्फ उनके प्रयासों से ही प्रगति नहीं करेगा, हमें उनके प्रयासों का समर्थन भी करना होगा.”

डीसीएच/एबीएम