प्रवासी भारतीयों तक प्रधानमंत्री मोदी की पहुंच ने बढ़ाया भारत में एफडीआई प्रवाह

New Delhi, 17 जून . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रवासी भारतीयों से अपने देश में निवेश करने की अपील की थी, जिसका सकारात्मक नतीजा देखने को मिल रहा है. उनकी इस पहल से भारत में विदेशी निवेश (एफडीआई) बढ़ रहा है.

एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम, जो भारत और अफ्रीका के बीच व्यापारिक रिश्तों को मजबूत करता है, माधवानी ग्रुप के प्रवर्तक श्राइ माधवानी ने भारत में बड़े निवेश की योजना की घोषणा की है.

प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शी नीतियों, जैसे ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’, ‘मेक इन इंडिया’ और सरकार के व्यवसाय-समर्थक रवैये की तारीफ करते हुए माधवानी ने कहा कि इन पहलों ने समूह के भारत में निवेश करने के फैसले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

उन्होंने साल 2018 में प्रधानमंत्री मोदी की युगांडा के कंपाला यात्रा को याद किया, जहां उन्होंने माधवानी समूह को भारत की विकास गाथा का हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित किया था. गुजरात से अपने पैतृक संबंधों के कारण माधवानी परिवार का भारत से गहरा भावनात्मक और सांस्कृतिक जुड़ाव है.

अपनी विदेश यात्राओं के दौरान प्रधानमंत्री मोदी भारतीय प्रवासियों से बातचीत करते हैं और उन्हें अपने देश में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करते रहे हैं.

अपने परिवार के साथ प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात कर माधवानी ने उन्हें बताया कि समूह अगले पांच वर्षों में भारत में 10 हजार करोड़ रुपए तक के निवेश की संभावना तलाश रहा है, जिससे पर्याप्त रोजगार सृजन होने और औद्योगिक विकास में योगदान मिलने की उम्मीद है.

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को बताया कि उनका ग्रुप भारत में हिंदुस्तान नेशनल ग्लास एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड (एचएनजीआईएल) के अधिग्रहण के जरिए प्रवेश कर रहा है. एचएनजीआईएल भारत का सबसे बड़ा कंटेनर ग्लास निर्माता है, जो अक्टूबर 2021 से दिवालिया प्रक्रिया के तहत है. यह अधिग्रहण ग्रुप की कंपनी आईएनएससीओ के माध्यम से किया जा रहा है.

ग्रुप ने प्रधानमंत्री को हाल के Supreme court के फैसले के बारे में बताया, जिसने एचएनजीआईएल के अधिग्रहण करने का कानूनी रास्ता साफ कर दिया. यह ग्रुप के भारत में प्रवेश के लिए एक बड़ा कदम है.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के साथ यह बैठक न केवल रणनीतिक आर्थिक सहयोग का क्षण है, बल्कि भारत और माधवानी समूह के बीच स्थायी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों का उत्सव भी है.

उन्होंने प्रधानमंत्री को अपने बड़े भाई कमलेश माधवानी और पिता मनु भाई माधवानी द्वारा लिखित एक पुस्तक भी भेंट की.

पीएसके/एबीएम