प्रधानमंत्री मोदी ने ‘विश्व संस्कृत दिवस’ पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं

New Delhi, 9 अगस्त . Prime Minister Narendra Modi ने श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर ‘विश्व संस्कृत दिवस’ के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं. संस्कृत को “ज्ञान और अभिव्यक्ति का एक शाश्वत स्रोत” बताते हुए Prime Minister ने विविध क्षेत्रों में इसके स्थायी प्रभाव को रेखांकित किया. पीएम मोदी ने दुनिया भर के विद्वानों, छात्रों और उत्साही लोगों के समर्पण की सराहना की जो संस्कृत सीखने, सिखाने और उसे लोकप्रिय बनाने में निरंतर लगे हुए हैं.

‘विश्व संस्कृत दिवस’ के अवसर पर Prime Minister ने social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत भाषाओं में तीन अलग-अलग पोस्ट साझा किए. Prime Minister ने कहा कि यह दिन दुनियाभर में संस्कृत सीखने और इसे लोकप्रिय बनाने वाले हर व्यक्ति के प्रयासों की सराहना करने का सुअवसर है.

उन्होंने लिखा, “हम श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर विश्व संस्कृत दिवस मना रहे हैं. संस्कृत ज्ञान और अभिव्यक्ति का एक शाश्वत स्रोत है. इसका प्रभाव सभी क्षेत्रों में देखा जा सकता है. यह दिन दुनियाभर में संस्कृत सीखने और उसे लोकप्रिय बनाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के प्रयासों की सराहना करने का सुअवसर है.”

Prime Minister मोदी ने बताया कि पिछले एक दशक से अधिक समय में Government ने संस्कृत भाषा को लोकप्रिय बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. उन्होंने लिखा, “पिछले एक दशक से ज्यादा समय में हमारी Government ने संस्कृत को लोकप्रिय बनाने के लिए अनेक प्रयास किए हैं. इनमें केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, संस्कृत शिक्षण केंद्रों की स्थापना, संस्कृत विद्वानों को अनुदान प्रदान करना और पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण के लिए ज्ञान भारतम मिशन शामिल हैं. इससे अनगिनत विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं को लाभ हुआ है.”

Union Minister धर्मेंद्र प्रधान ने ‘विश्व संस्कृत दिवस’ पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं. उन्होंने social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “आप सभी को विश्व संस्कृत दिवस पर कोटि-कोटि अभिनंदन. संस्कृत भाषा हमारी संस्कृति, सभ्यता और संस्कार का मूल आधार है. संस्कृत भाषा और भारतीय ज्ञान परंपरा को लोक व्यवहार का हिस्सा बनाने तथा इनके संरक्षण और संवर्धन के लिये आइए हम सब सदैव संकल्पित रहें.”

‘विश्व संस्कृत दिवस’ पर उत्तर प्रदेश के Chief Minister योगी आदित्यनाथ ने लिखा, “देववाणी संस्कृत India की आत्मा की अभिव्यक्ति, ऋषियों की वाणी का स्पंदन और सनातन ज्ञान का अनंत स्रोत है. यह भाषा हमारी परम्परा, प्रज्ञा और वैश्विक बौद्धिकता की आधारभूमि है. आइए, विश्व संस्कृत दिवस पर इस अमृत वाणी के संरक्षण, प्रसार और दैनिक जीवन में प्रयोग के लिए संकल्पित हों.”

दिल्ली की Chief Minister रेखा गुप्ता ने भी इस मौके पर शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने लिखा, “संस्कृत ने न केवल भारतीय संस्कृति को आकार दिया, बल्कि विश्वभर में ज्ञान के विविध क्षेत्रों में अहम योगदान दिया है. हमारे प्राचीन ग्रंथों और विज्ञान के अद्भुत दृष्टिकोण को समझने के लिए संस्कृत का ज्ञान अत्यंत आवश्यक है. यह दिवस हमें अपने कर्तव्यों और संस्कृति की ओर सहेजने और संजोने की प्रेरणा देता है. आइए, हम सभी संस्कृत को और अधिक प्रोत्साहित करें, ताकि यह भाषा हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक अमूल्य धरोहर बनी रहे.”

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