प्रधानमंत्री मोदी ने किर्गिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों से की मुलाकात, द्विपक्षीय संबंधों पर हुई चर्चा

तियानजिन, 31 अगस्त . Prime Minister Narendra Modi ने Sunday को चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान किर्गिस्तान के President सादिर जापारोव और उज्बेकिस्तान के President शावकत मिर्जियोयेव से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने पर चर्चा की.

पीएम मोदी ने दोनों नेताओं के साथ हुई मुलाकात की तस्वीरों को social media प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया.

उन्होंने लिखा, “तियानजिन में किर्गिस्तान के President सादिर जापारोव के साथ बहुत उपयोगी बातचीत हुई. हमारे देशों के बीच मजबूत साझेदारी है और हम अपने विकासात्मक सहयोग को और मजबूत करने के लिए मिलकर काम करते रहेंगे.”

उन्होंने उज्बेकिस्तान के President के साथ हुई मुलाकात की तस्वीर शेयर करते हुए एक्स पर लिखा, “उज्बेकिस्तान के President शावकत मिर्जियोयेव से मुलाकात की. India और उज्बेकिस्तान के बीच एक गतिशील साझेदारी है जो संस्कृति, अर्थव्यवस्था और जन-जन के संबंधों में लगातार विस्तार कर रही है.”

इससे पहले, पीएम मोदी ने तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान मालदीव के President मोहम्मद मुइज्जू से बातचीत की थी. उन्होंने कहा कि मालदीव के साथ India का विकास सहयोग हमारे लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी है.

एक अन्य पोस्ट में पीएम मोदी ने मिस्र के Prime Minister के साथ हुई मुलाकात की जानकारी दी थी. उन्होंने कहा, “एससीओ शिखर सम्मेलन में मिस्र के Prime Minister मुस्तफा मदबौली से मुलाकात हुई. कुछ साल पहले की अपनी मिस्र यात्रा को याद किया. भारत-मिस्र मैत्री प्रगति की नई ऊंचाइयों को छू रही है.”

इसके अलावा, पीएम मोदी ने Sunday को एससीओ शिखर सम्मेलन के मौके पर तियानजिन में चीनी President शी जिनपिंग के साथ एक बैठक की. Prime Minister मोदी ने बताया कि दोनों पक्षों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने के महत्व पर सहमति जताई.

पीएम मोदी ने एक्स पर फोटो शेयर करते हुए लिखा, “एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान तियानजिन में President शी जिनपिंग के साथ सार्थक बैठक हुई. हमने कजान में पिछली बैठक के बाद भारत-चीन संबंधों में सकारात्मक प्रगति की समीक्षा की. हमने सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने के महत्व पर सहमति जताई और पारस्परिक सम्मान, हित और संवेदनशीलता के आधार पर सहयोग के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई.”

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