प्रधानमंत्री मोदी ने चुनाव में जीत पर कार्नी को दी बधाई, कहा – भारत-कनाडा साझा लोकतांत्रिक मूल्यों से बंधे

नई दिल्ली, 29 अप्रैल . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कनाडा के पीएम मार्क कार्नी को आम चुनाव में सफलता पर बधाई दी. कार्नी के नेतृत्व में लिबरल पार्टी चौथी बार सत्ता में वापसी करने में सफल रही.

प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर मार्क कार्नी को टैग करते हुए लिखा, “भारत और कनाडा साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, कानून के शासन के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता और लोगों के बीच जीवंत संबंधों से बंधे हैं. मैं हमारी साझेदारी को मजबूत करने और हमारे लोगों के लिए अधिक अवसरों के द्वार खोलने के लिए आपके साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं.”

कार्नी के पूर्ववर्ती जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में ओटावा के साथ नई दिल्ली के संबंध बेहद तनावपूर्ण बने रहे. उन्होंने बार-बार भारत के खिलाफ ‘बेतुके बयान’ दिए और खालिस्तानियों के साथ सहानुभूति व्यक्त की.

प्रमुख अर्थशास्त्री और बैंक ऑफ कनाडा के पूर्व गवर्नर कार्नी, ने अपने चुनाव अभियान के दौरान भारत के साथ तनावपूर्ण संबंधों के ‘पुनर्निर्माण’ का वादा किया है.

कार्नी ने कैलगरी में एक बातचीत के दौरान कहा था, “कनाडा समान विचारधारा वाले देशों के साथ अपने व्यापारिक संबंधों में विविधता लाना चाहता है, और भारत के साथ संबंधों को फिर से बनाने के अवसर मौजूद हैं.”

पिछले सप्ताह उन्होंने दोबारा संकेत दिया कि कनाडा भारत के साथ संबंधों को फिर से स्थापित करने के लिए उत्सुक है. उन्होंने कहा, “यह कई स्तरों पर एक अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण रिश्ता है, कनाडा-भारत संबंध. इस समय, जब विश्व अर्थव्यवस्था ही नहीं बल्कि वैश्विक प्रणाली भी हिल गई है, इसका स्वरूप बदल रहा है, कनाडा जैसे देश, भारत जैसे देश, विशेष रूप से एक खुली, साझा अर्थव्यवस्था, साझा विचार, साझा संबंध बनाने में एक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.”

प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के नेतृत्व में लिबरल पार्टी की जीत कई मायनों में हैरान करने वाली है. कनाडा के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का आक्रामक रुख पार्टी की जीत में बड़ा फैक्टर माना जा रहा है.

वर्ष की शुरुआत में लिबरल पार्टी अपमानजनक हार की ओर बढ़ती दिख रही थी लेकिन ट्रंप ने कनाडा के खिलाफ टैरिफ युद्ध छेड़कर और देश को अमेरिका में मिलाने की धमकी देकर सारा खेल पलट दिया.

ट्रंप के खिलाफ विद्रोह और राष्ट्रवाद की भावनाओं के जगने के साथ ही पार्टी के लिए समर्थन बढ़ गया.

बड़ी संख्या में कनाडाई लोगों ने लिबरल पार्टी को समर्थन दिया. उनका मानना था कि यह पार्टी पियरे पोलीवरे के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी की तुलना में ट्रंप के सामने बेहतर तरीके से खड़ी हो सकती है. कंजर्वेटिव पार्टी की विचारधारा कई मायनों में अमेरिकी राष्ट्रपति की विचारधारा से मिलती-जुलती थी.

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