बेगूसराय, 14 मई . बिहार के बेगूसराय में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है. इस योजना से लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिल रहा है. इस योजना से सिर्फ लाभार्थियों को रोजगार ही नहीं मिल रहा, बल्कि वे दूसरों को नौकरी और रोजगार भी दे रहे हैं.
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) योजना का उद्देश्य छोटे-छोटे शहरों से लेकर गांव और कस्बों में उद्योग धंधों को बढ़ावा देना है. बेगूसराय में ऐसे ही लाभार्थियों ने इस योजना के लिए सरकार और प्रधानमंत्री का आभार प्रकट किया.
बेगूसराय जिला मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर स्थित सिहमा गांव निवासी अमित कुमार बताते हैं कि वे खेती-किसानी कर रहे थे. इस बीच वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम की जानकारी मिली. अमित कुमार ने यूको बैंक से संपर्क किया, जहां उन्हें पीएमईजीपी के तहत 15 लाख रुपए का ऋण दिया गया. लोन से मिले पैसों से अमित ने मशीन खरीदकर अपने घर पर बल्क मिल्क कूलिंग यूनिट (बीएमसीयू) संयंत्र स्थापित कर खुद का व्यवसाय शुरू किया.
अमित कुमार बताते हैं कि अभी 1000 से 1500 लीटर प्रत्येक दिन दूध कलेक्शन हो रहा है. वे पनीर, दही, गुलाब जामुन, स्पंज और दही बनाकर आसपास के बाजार में बेचते हैं. उन्होंने बताया कि उनसे पशुपालक किसान जुड़े हुए हैं. आसपास के 10-12 युवकों को अमित कुमार ने नौकरी दी है. वे बताते हैं कि पहले खेती करते थे तो खुद का काम करते थे, कोई सपोर्ट नहीं था. व्यवसाय से जुड़े तो आसपास के 10-12 लोगों को रोजगार दिया. इससे उनकी आमदनी बढ़ती है और सभी लोग सही तरीके से जीवनयापन कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री का बहुत-बहुत धन्यवाद दिया है.
स्थानीय निवासी राघव बताते हैं कि आसपास के क्षेत्र के लिए अमित पहचान बन चुके हैं. बेरोजगारों के लिए यह पथ प्रदर्शक की भूमिका में हैं और इलाके में यह अब पहचान बन गए हैं. वहीं, इलाके के लोग भी अब अमित की गुणगान करते नजर आ रहे हैं. सिहमा गांव के निवासी राघव कुमार बताते हैं कि श्वेत शक्ति पूरे गांव ही नहीं, आसपास के लोगों के लिए ब्रांड बन चुका है.
अमित ने इसके लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए बताया कि इस योजना के तहत उन्हें काफी लाभ मिला है. यह संयंत्र लगाकर वे अच्छी कमाई तो कर ही ले रहे हैं, साथ ही साथ लोगों को रोजगार भी दिया है.
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एएसएच/डीएससी