New Delhi, 11 अक्टूबर . Prime Minister Narendra Modi ने Saturday को कहा कि बीते 11 वर्षों में India का कृषि निर्यात करीब-करीब दोगुना हो गया है. अनाज उत्पादन 900 लाख मीट्रिक टन और बढ़ गया. फल और सब्जियों का उत्पादन 640 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा बढ़ गया है.
किसानों के लिए दो नई योजनाओं ‘Prime Minister धन धान्य कृषि योजना’ और ‘दलहन आत्मनिर्भता मिशन’ को लॉन्च करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ये दो योजनाएं India के किसानों का भाग्य बदलने का काम करेंगी.
उन्होंने बताया कि इन योजनाओं पर Government करीब 35 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने वाली है.
उन्होंने किसानों के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि खेती और किसानी हमेशा से हमारी विकास यात्रा का एक प्रमुख हिस्सा रही है. यह बेहद जरूरी बदलते समय के साथ खेती और किसान को Government का सहयोग मिलता रहे.
पीएम मोदी ने आगे कहा, “बीज से लेकर बाजार तक अनगिनत सुधार किए गए. जिसके परिणामस्वरूप आज दूध उत्पादन में India नंबर एक पर है. India दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक है. India में शहद उत्पादन 2014 की तुलना में दोगुना हो गया है. देश में 6 बड़ी फर्टिलाइजर फैक्ट्रियां बनाई गई हैं. 25 करोड़ से ज्यादा सॉइल हेल्थ कार्ड किसानों को दिए गए हैं. 100 लाख हेक्टेयर में सूक्ष्म सिंचाई की सुविधा पहुंची है. पीएम फसल बीमा योजना से करीब 2 लाख करोड़ रुपए क्लेम के रूप में किसानों को मिले हैं. बीते 11 वर्षों में 10 हजार से ज्यादा किसान उत्पाद संघ एफपीओ बने.”
उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में आने से पहले उनकी अनेक किसानों और मछुआरों से बात हुई. उन्हें कृषि क्षेत्र में काम कर रही महिलाओं के अनुभव सुनने का अवसर मिला.
पीएम मोदी ने कहा कि ऐसी अनेक उपलब्धियां हैं जो देश के किसानों ने बीते 11 वर्षों में अनुभव की हैं.
उन्होंने कहा, हमें विकसित बनने के लिए हर क्षेत्र में लगातार बेहतर करते ही रहना होगा. सुधार करना ही होगा. इसी सोच का प्रमाण पीएम धन-धान्य कृषि योजना है. इस योजना की प्रेरणा आकांक्षी जिला योजना का सफलता बनी है.”
आकांक्षी जिलों को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि जब वंचितों को वरीयता और पिछड़ों को प्राथमिकता मिलती है तो उसके नतीजे भी बहुत अच्छे मिलते हैं. आज आकांक्षी जिलों में माता मृत्यु दर घटी है. बच्चों का स्वास्थ्य और पढ़ाई का स्तर सुधरा है. ये जिले अब कई पैरामीटर्स को लेकर दूसरे जिलों से बेहतर कर रहे हैं.
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एसकेटी/