सोल, 12 सितम्बर . दक्षिण कोरिया के प्रधानमंत्री हान डक-सू ने गुरुवार को आपातकालीन विभाग में काम करने वाले डॉक्टरों के नाम “ब्लैक लिस्ट” में डालने की निंदा की. उन्होंने इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी.
समाचार एजेंसी योनहाप की रिपोर्ट के अनुसार, इस सूची में आपातकालीन विभाग के उन डॉक्टरों के बारे में व्यक्तिगत जानकारी और दुर्भावनापूर्ण टिप्पणियां शामिल हैं, जिन्होंने अपने हड़ताली सहकर्मियों का साथ देने की बजाय मरीजों का इलाज करने का विकल्प चुना.
सरकार द्वारा मेडिकल स्कूलों में प्रवेश का कोटा बढ़ाने के विरोध में दक्षिण कोरिया में डॉक्टर हड़ताल कर रहे हैं.
हान ने केंद्रीय आपदा प्रतिक्रिया बैठक के दौरान कहा, “ब्लैक लिस्ट करना उन चिकित्सा कर्मचारियों का अपमान है जो रोगियों की देखभाल करते हैं. यह एक कायरतापूर्ण काम है जो लोगों को उनकी स्वतंत्र इच्छा से वंचित करता है.” उन्होंने कहा, “यह एक गंभीर आपराधिक कृत्य है. सरकार इसे सहन नहीं करेगी.”
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, आपातकालीन कक्षों में काम करने वाले डॉक्टरों का नाम “ब्लैक लिस्ट” में शामिल करने के आरोप में 30 से अधिक लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है.
हान ने कहा, “कानून प्रवर्तन अधिकारियों को मामले की सख्ती से और तेजी से जांच करनी चाहिए. मैं चिकित्सा समुदाय से भी अपील करता हूं कि वह कुछ डॉक्टरों के अनुचित व्यवहार को सुधारने के प्रयासों में सक्रिय रूप से शामिल हो.”
प्रधानमंत्री ने कहा, “यदि चिकित्सा समुदाय मेडिकल स्कूल कोटा और नीति योजनाओं पर एक उचित प्लान पेश करता है, तो सरकार खुले दिमाग से उस पर चर्चा करने के लिए तैयार है.”
सरकार की अगले साल से मेडिकल स्कूल में प्रवेश के लिए कोटा में भारी वृद्धि करने की योजना है. हालांकि इसका विरोध हो रहा है और फरवरी से ही अधिकांश ट्रेनी डॉक्टरों ने काम छोड़ दिया है.
लंबे समय से चल रही हड़ताल के बीच आगामी पांच दिवसीय चुसेओक अवकाश को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं. अवकाश के दौरान चिकित्सा सेवाओं में संभावित व्यवधानों को लेकर सरकार परेशान है.
सरकार ने 11-25 सितंबर को एक विशेष अवधि के रूप में नामित किया है और देश भर में आपातकालीन चिकित्सा केंद्रों की स्थिति का प्रबंधन करने के लिए एक आपातकालीन कार्य बल का गठन किया है.
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एमके/एकेजे