‘जनता की आवाज दबाना गलत’, नेपाल हिंसा पर कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा मोना

Lucknow, 11 सितंबर . कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’ ने नेपाल में हाल की हिंसा और वहां की मौजूदा परिस्थिति पर गहरा दुख व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि यह बहुत दुखद है और मेरी संवेदनाएं हैं. जिन लोगों की जान गई, उनके लिए मैं और हमारी पार्टी अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं.

से बातचीत में उन्होंने कहा कि नेपाल में हुई हिंसा के पीछे की जमीनी वजह को समझना जरूरी है. जब किसी लोकतंत्र में लोकतांत्रिक संस्थाएं कमजोर होती हैं, भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज दबाई जाती है और सरकार उस पर नियंत्रण नहीं कर पाती, तो ऐसे हालात पैदा होते हैं.

उन्होंने कहा कि श्रीलंका, समय-समय पर पाकिस्तान और कुछ दिन पहले बांग्लादेश में यही देखा गया. नेपाल हमारा पड़ोसी देश है, वहां युवाओं की आवाज को दबाने की कोशिश की गई, जिसकी वजह से यह सबकुछ हुआ.

अंबेडकरनगर में लड़कियों के अपहरण पर कहा कि यह गंभीर विषय है. अंबेडकरनगर में 50 से अधिक बेटियों का अपहरण हुआ है, वे लापता हैं. आज भी उनकी कोई खबर नहीं है. यह एक ऐसा विषय है जिस पर किसी का ध्यान नहीं है. मैंने प्रदेश के Chief Minister को पत्र लिखकर इस मामले की एसआईटी जांच की मांग की है. यदि यह सत्य है, तो यह गंभीर विषय है. बेटियों की सुरक्षा से जुड़ा महत्वपूर्ण प्रश्न है, मुझे विश्वास है कि कार्रवाई होगी.

राहुल गांधी के रायबरेली दौरे पर रास्ते में मंत्री दिनेश प्रताप द्वारा धरना प्रदर्शन करने पर कहा कि राहुल गांधी एक जनप्रिय नेता हैं और रायबरेली से लोकप्रिय सांसद हैं. लोग यह भी भूल जाते हैं कि रायबरेली सिर्फ गांधी परिवार की Lok Sabha सीट नहीं है, बल्कि वह उनका घर और परिवार है. राहुल गांधी दो दिवसीय अपने क्षेत्र के दौरे पर गए. इस तरह की ओछी राजनीति करना भाजपा की संकीर्ण विचारधारा को दर्शाता है.

उन्होंने कहा कि कल वहां धरना देने का क्या औचित्य था? जब बेटियों का बलात्कार होता है तो भाजपा के मंत्री और विधायक शांत क्यों हो जाते हैं? जब भ्रष्टाचार होता है तब क्यों शांत रहते हैं? कहीं न कहीं यह दिनेश प्रताप की तिलमिलाहट नजर आई.

यूपी कांग्रेस प्रमुख अजय राय के मामले पर उन्होंने कहा कि ये दोहरे मापदंड क्यों हैं? राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष हैं. जब वे अपने Lok Sabha क्षेत्र में जाते हैं तो उनके खिलाफ प्रदर्शन हो सकता है और पुलिस-प्रशासन और सरकार अनुमति देती है. सरकार के मंत्री तक सड़क पर बैठकर धरना दे सकते हैं. लेकिन जब Lok Sabha के नेता सदन अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी जाते हैं, तो वहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं को अनुमति तक नहीं मिलती. क्या यह लोकतांत्रिक है? जिस तरह कल अजय राय को हाउस अरेस्ट किया गया, कार्यकर्ताओं को हाउस अरेस्ट किया गया और पुलिस ने उन्हें पकड़कर बैठा दिया, यह पूरी तरह लोकतंत्र की हत्या है और निंदनीय है.

पीएम मोदी की ओर से संघ की तारीफ करने पर उन्होंने इसे बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़ा. उन्होंने कहा कि भाजपा को बिहार में संघ की जरूरत है, इसीलिए तारीफ की गई.

डीकेएम/डीएससी