New Delhi, 14 अगस्त . स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश की President द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्र के नाम संदेश दिया. Prime Minister Narendra Modi ने President के संबोधन पर प्रतिक्रिया दी.
पीएम Narendra Modi ने social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि हमारे स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर President ने एक विचारोत्तेजक संबोधन दिया है, जिसमें उन्होंने हमारे राष्ट्र की सामूहिक प्रगति और भावी अवसरों पर प्रकाश डाला. उन्होंने हमें उन बलिदानों की याद दिलाई, जिन्होंने India की स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त किया और प्रत्येक नागरिक से राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का आह्वान किया.
इससे पहले President द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र करते हुए कहा कि इस साल हमें आतंकवाद का दंश झेलना पड़ा. कश्मीर घूमने गए निर्दोष नागरिकों की हत्या कायरतापूर्ण और नितांत अमानवीय थी. India ने फौलादी संकल्प के साथ निर्णायक तरीके से इसका जवाब दिया. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने यह दिखा दिया कि जब राष्ट्र की सुरक्षा का प्रश्न सामने आता है तब हमारे सशस्त्र बल किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह सक्षम सिद्ध होते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि रणनीतिक स्पष्टता और तकनीकी दक्षता के साथ हमारी सेना ने सीमा पार के आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया. मेरा विश्वास है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ आतंकवाद के विरुद्ध मानवता की लड़ाई में एक मिसाल के तौर पर इतिहास में दर्ज होगा. हमारी एकता ही हमारी जवाबी कार्रवाई की सबसे बड़ी विशेषता थी. यही एकता उन सभी तत्वों के लिए सबसे करारा जवाब भी है जो हमें विभाजित देखना चाहते हैं.
President ने कहा कि India के दृष्टिकोण को स्पष्ट करने के लिए विभिन्न देशों में गए संसद सदस्यों के बहुदलीय प्रतिनिधि मंडलों में भी हमारी यही एकता दिखाई दी. विश्व समुदाय ने India की इस नीति का संज्ञान लिया है कि हम आक्रमणकारी तो नहीं बनेंगे, लेकिन अपने नागरिकों की रक्षा के लिए जवाबी कार्रवाई करने में तनिक भी संकोच नहीं करेंगे. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ प्रतिरक्षा के क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर India मिशन’ की परीक्षा का भी अवसर था. अब यह सिद्ध हो गया है कि हम सही रास्ते पर हैं. हमारा स्वदेशी विनिर्माण उस निर्णायक स्तर पर पहुंच गया है, जहां हम अपनी बहुत सी सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने में भी आत्मनिर्भर बन गए हैं. ये उपलब्धियां स्वाधीन India के रक्षा इतिहास में एक नए अध्याय का सूत्रपात हैं.
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डीकेपी/