नई दिल्ली, 25 अक्टूबर . राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शुक्रवार को रायपुर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के दूसरे दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं. इस दौरान उन्होंने वहां मौजूद डॉक्टरों को संबोधित करते हुए कहा कि वह अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज ना करें. साथ ही उन्होंने डॉक्टरों से करुणा और संवेदनशीलता के साथ काम करने का आग्रह किया.
मुर्मू ने कहा, “कई मौकों पर आपको तनावपूर्ण माहौल में काम करना पड़ता है. अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें और इसे नजरअंदाज ना करें. मरीजों का भरोसा बढ़ाने और उनकी बेहतरी के लिए आपका स्वस्थ रहना और स्वस्थ दिखना बहुत जरूरी है.”
उन्होंने कहा कि सरकार देश के सभी नागरिकों के लिए स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच बढ़ा रही है.
राष्ट्रपति ने कहा, “पिछले दशक में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के माध्यम से लोगों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध हैं. पिछले दस वर्षों में एमबीबीएस और पीजी के लिए मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या में वृद्धि हुई है. नए एम्स भी स्थापित किए गए हैं.”
इसके अलावा, मुर्मू ने देश के दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों के कल्याण के लिए चिकित्सा क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों की आवश्यकता पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा, “हम ऐसे दौर से गुजर रहे हैं, जिसमें आधुनिक तकनीकें मानव जीवन को तेजी से प्रभावित कर रही हैं. दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों के कल्याण के लिए ऐसी तकनीकों का इस्तेमाल किया जा सकता है.”
मुर्मू ने कहा कि चिकित्सा पेशेवरों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है, क्योंकि उनके फैसले जीवन बचाने से जुड़े होते हैं. उन्होंने कहा कि चिकित्सा पेशेवर 2047 तक ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने में निर्णायक भूमिका निभाएंगे.
राष्ट्रपति ने डॉक्टरों से करुणा और संवेदनशीलता के मानवीय मूल्यों के साथ काम करने का आह्वान किया. मुर्मू ने कहा, “अपने कार्य क्षेत्र में हमेशा इन जीवन के मूल्यों को शामिल करें. इससे आपको अपने कार्यस्थल पर सफलता मिलेगी और आपका जीवन सार्थक होगा.”
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आरके/जीकेटी