पीएम मोदी के पेरिस पहुंचने से पहले राष्ट्रपति मैक्रों ने बांधे भारत की तारीफों के पुल

पेरिस, 10 फरवरी, . फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि वह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘तकनीकी संप्रभुता’ के लिए प्रयास करेंगे. उनका यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फ्रांस दौरे से पहले आया. पीएम मोदी पेरिस में एआई शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे.

एक वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में मैक्रों ने कहा, “मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ हमारा भी दृढ़ विश्वास है कि भारत और फ्रांस दो महान शक्तियां हैं और हमारे बीच विशेष संबंध हैं. हम अमेरिका का सम्मान करते हैं और उसके साथ काम करना चाहते हैं, हम चीन के साथ भी काम करना चाहते हैं, लेकिन किसी पर निर्भर नहीं रहना चाहते हैं.”

फ्रेंच राष्ट्रपति ने कहा, “भारत और फ्रांस अग्रणी हैं लेकिन अमेरिका और चीन हमसे बहुत आगे हैं. हम एआई पर एक साथ काम करना चाहते हैं. पीएम मोदी भी नई टेक्नोलॉजी का फायदा उठाना चाहते हैं. लेकिन वह चाहते हैं कि यह भारत में भी हो.’

मैक्रों ने भारत की तारीफ करते हुए कहा कि भारत अकेला हर साल 10 लाख इंजीनियर तैयार करता है जो यूरोप और अमेरिका से ज्यादा हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को फ्रांस और अमेरिका दौरे के लिए रवाना हो गए.

यात्रा के पहले चरण में पीएम मोदी 10 फरवरी (सोमवार) से 12 फरवरी तक फ्रांस में रहेंगे. वह 10 फरवरी को पेरिस पहुंचेंगे. शाम को राष्ट्रपति मैक्रों की ओर से एलिसी पैलेस में सरकार और राष्ट्राध्यक्षों के सम्मान में आयोजित डिनर में शामिल होंगे.

डिनर में तकनीकी क्षेत्र के कई सीईओ और शिखर सम्मेलन में आमंत्रित अन्य कई गणमान्य व्यक्तियों के भी शामिल होने की संभावना है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अगले दिन 11 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति मैक्रों के साथ एआई एक्शन शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करेंगे.

12 फरवरी को दोनों नेता मार्सिले शहर का दौरा करेंगे और वहां भारतीय वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन करेंगे. इसके बाद वे दोनों मार्सिले में मजारग्यूज वॉर सिमेट्री भी जाएंगे और प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देंगे. वॉर सिमेट्री का निर्माण कॉमनवेल्थ वॉर ग्रेव कमीशन ने किया है.

पीएम मोदी 12 से 14 फरवरी तक दो दिवसीय कार्य यात्रा पर अमेरिका जाएंगे. इस यात्रा के दौरान वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे. वह व्यापारिक नेताओं और भारतीय समुदाय के सदस्यों से बातचीत करेंगे.

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