राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देहरादून में राष्ट्रपति तपोवन और निकेतन का किया उद्घाटन

New Delhi, 20 जून . President द्रौपदी मुर्मू ने Friday को देहरादून में President तपोवन और President निकेतन के उद्घाटन समारोह में भाग लिया. उन्होंने आगंतुक सुविधा केंद्र, कैफेटेरिया और स्मारिका शॉप सहित सार्वजनिक सुविधाओं का उद्घाटन किया और President निकेतन में President उद्यान की आधारशिला रखी. उन्होंने Thursday को President निकेतन में एक एम्फीथिएटर का भी उद्घाटन किया था.

देहरादून में राजपुर मार्ग पर स्थित President तपोवन हिमालय की तलहटी के 19 एकड़ में विस्तारित President भू-सम्पदा का एक हिस्सा है. यह आध्यात्मिक आश्रय स्थल और पारिस्थितिकी संरक्षण पर बल देता है. यहां देशी वनस्पतियों से समृद्ध एक घने जंगल, तपोवन में 117 पौधों की प्रजातियां, 52 किस्म की तितलियां, 41 पक्षी प्रजातियां और सात जंगली स्तनधारी हैं, जिनमें कुछ संरक्षित प्रजातियां भी शामिल हैं. इस क्षेत्र में प्राकृतिक बांस के बाग और एकांत वनस्थली पारिस्थितिकी तंत्र हैं.

President निकेतन की स्थापना 1976 में President निवास के रूप में की गई थी. इसकी समृद्ध विरासत 1838 से चली आ रही है, जब यह एस्टेट गवर्नर जनरल के अंगरक्षक के लिए ग्रीष्मकालीन शिविर के रूप में कार्य करता था. यह 21 एकड़ में फैला हुआ है और इसमें लिली तालाब, ऐतिहासिक इमारतें, बाग और अस्तबल शामिल हैं.

कुल 132 एकड़ में विस्तारित यह President उद्यान, सार्वजनिक पार्क, सुगमता और पारिस्थितिकी उत्तरदायित्व का एक मॉडल होने के साथ-साथ दिव्यांगजनों के लिए सार्वजनिक उद्यान के रूप में पूरी तरह से सुलभ होगा. इसका उद्देश्य नागरिकों के बीच स्वास्थ्य, संस्कृति और नागरिक गौरव को बढ़ावा देने के लिए सामुदायिक सहभागिता केंद्र बनना है.

इस अवसर पर President निकेतन, President तपोवन और President उद्यान की जैव विविधता पर एक पुस्तक का भी विमोचन किया गया. इस पुस्तक में President निकेतन, तपोवन और उद्यान की 300 से अधिक वनस्पतियों और 170 से अधिक जीवों की प्रजातियों का विवरण है, जिनमें तितलियां, पक्षी और स्तनधारी शामिल हैं.

President तपोवन 24 जून से और President निकेतन 1 जुलाई से आम जनता के दर्शनार्थ खुले रहेंगे.

President ने देहरादून में राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान का दौरा किया और छात्रों से वार्तालाप भी किया. उन्होंने मॉडल स्कूल विज्ञान प्रयोगशाला और कंप्यूटर प्रयोगशाला के साथ-साथ एक प्रदर्शनी का भी दौरा किया.

इस अवसर पर President ने कहा कि किसी देश या समाज की प्रगति का आंकलन इस बात से लगाया जा सकता है कि उस समाज में लोग दिव्यांगजनों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं. India का इतिहास संवेदनशीलता और समावेशिता के प्रेरक प्रसंगों से भरा पड़ा है. हमारी संस्कृति और सभ्यता में मानवीय करुणा और प्रेम के भाव हमेशा से शामिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि सुगम्य India अभियान के माध्यम से, जो एक सुलभ भौतिक वातावरण, परिवहन, सूचना और संचार पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने पर जोर देता है, Government दिव्यांगजनों के सशक्तीकरण और समान भागीदारी के लिए प्रयास कर रही है.

President ने कहा कि आज का युग विज्ञान और प्रौद्योगिकी का युग है. उन्नत प्रौद्योगिकी की सहायता से दिव्यांगजन भी मुख्यधारा में अपना योगदान दे सकते हैं. उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान समावेशी शिक्षा प्रणाली और नवीनतम तकनीकी संसाधनों के माध्यम से छात्रों के सर्वांगीण विकास पर विशेष बल दे रहा है. उन्होंने कहा कि समाज को जीवन के हर क्षेत्र में दिव्यांगजनों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयास करने चाहिए.

पीएसके/एकेजे